गौतम अडानी के हाथ से फिसली यह कंपनी, छह साल से थी नजर, जानिए किसने मारी बाजी
Updated on
28-10-2024 12:52 PM
नई दिल्ली: बिजली कंपनी केएसके महानदी पावर के लिए छह कंपनियां होड़ में थीं। इनमें गौतम अडानी की अडानी पावर, सज्जन जिंदल की जेएसडब्ल्यू एनर्जी, नवीन जिंदल की जिंदल पावर, अनिल अग्रवाल की वेदांता, सरकारी कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड और वित्तीय सेवा फर्म कैप्री ग्लोबल रेस में थीं। लेकिन
सूत्रों के मुताबिक जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने सबको पछाड़ते हुए केएसके महानदी पावर के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है। उसने वित्तीय लेनदारों को 15,985 करोड़ रुपये की पेशकश की। शनिवार को समाप्त हुई नीलामी में जेएसडब्ल्यू एनर्जी सबसे बड़ी बिडर बनकर उभरी। KSK महानदी पावर की छत्तीसगढ़ में 600 मेगावाट की तीन कोल बेस्ड यूनिट हैं।
दो दिन तक चली बोली प्रक्रिया में छह कंपनियों ने भाग लिया। सूत्रों के मुताबिक अडानी पावर ने 10वें दौर में 15,885 करोड़ रुपये की अंतिम पेशकश करने के बाद दौड़ से बाहर होने का विकल्प चुना। 11वें दौर में एकमात्र बोलीदाता जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने अडानी की बोली से 100 करोड़ रुपये अधिक की बोली लगाई। जेएसडब्ल्यू और अडानी ने ऋणदाताओं को 26% इक्विटी हिस्सेदारी और परिचालन लेनदारों को 100 करोड़ रुपये की पेशकश की।
कितने की बोली
वित्तीय सेवा फर्म कैप्री ग्लोबल भी इस दौड़ में थी, लेकिन 10वें दौर में 15,850 करोड़ रुपये की अंतिम पेशकश करने के बाद बाहर हो गई। जिंदल पावर, वेदांता और एनटीपीसी ने बोली प्रक्रिया के 9वें दौर तक बोली लगाई। जेएसडब्ल्यू एनर्जी और अडानी पावर ने इस बारे में ईटी के टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने वित्तीय लेनदारों के 29,330 करोड़ रुपये के दावों को स्वीकार किया है। ऋणदाताओं के लिए, अग्रिम वसूली लगभग 26,485 करोड़ रुपये या 90% होगी।
इसमें जेएसडब्ल्यू की 15,985 करोड़ रुपये की पेशकश और नकद और निर्विवाद निधि प्राप्तियों के रूप में 10,500 करोड़ रुपये शामिल हैं। एक लेंडर ने कहा कि अगर 26% इक्विटी हिस्सेदारी को शामिल किया जाता है, तो वसूली 100% से अधिक होगी। JSW एनर्जी के लिए यह बिजली क्षेत्र में तीसरा बड़ा अधिग्रहण है। इससे पहले कंपनी ने दिसंबर 2022 में 1,048 करोड़ रुपये की वेंचर वैल्यू पर पर 700 मेगावाट के इंड बारथ एनर्जी (उत्कल) का अधिग्रहण किया था। मार्च 2023 में उसकी सहायक कंपनी JSW नियो एनर्जी ने लगभग 10,150 करोड़ रुपये की वेंचर वैल्यू पर माइट्रा एनर्जी से 1,753 मेगावाट ग्रीन एनर्जी पोर्टफोलियो का अधिग्रहण किया।
छह साल से नजर
किशोर सेथुरमन प्रमोटेड KSK महानदी पावर पर अडानी की नजर छह साल से अधिक समय से थी। 2018 के अंत में अडानी ग्रुप ने 10,300 करोड़ रुपये की पेशकश की लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के टैरिफ में कमी किए जाने के बाद फरवरी 2019 में वह इससे हट गए था। दिवाला एवं दिवालियापन संहिता के तहत ग्रुप ने कम से कम तीन बिजली कंपनियों का अधिग्रहण किया है। इनमें अवंता पावर की कोरबा वेस्ट पावर, कोस्टल एनर्जेन और लैंको अमरकंटक पावर शामिल हैं। लेकिन केएसके महानदी पावर के मामले में गौतम अडानी के हाथ खाली रह गए।
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