लाखों मासूम गुमशुदा जिंदगियों की तलाश जारी है,आइए हम सब मिलकर भावी भविष्य को सुरक्षित करें….
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25-05-2024 01:08 PM
कानून की दृष्टि से *बालक* शब्द से अभिप्राय 18 वर्ष से कम आयु वाले से होता है,और ये नाबालिग बच्चे अत्यंत मासूम और प्यारे होते है,दुलारे, लाडले होते हैं, ह्रदय के टुकड़े होते हैं, इनकी मासूम किलकारियों से घर आंगन गूंजते है,परिवार के परिवार चहकते हैं, यही बच्चे आगे चलकर भविष्य की युवा पीढ़ी होकर देश के आदर्श नागरिक बनकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भिन्न भिन्न भूमिकाएं निर्वहन करते हैं,
किंतु यदि हम एक बारगी ही इन भयानक आंकड़ों पर यदि गौर करेंगे तो पत्थर की मूरत भी खून के आंसू बहाने को मजबूर हो जायेगी,जब हमें ज्ञात होगा कि पूरी दुनिया से लगभग 8 मिलियन बच्चे प्रतिवर्ष गुमशुदा हो जाते है, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक भारत देश से प्रतिवर्ष लगभग 96 हजार लगभग बच्चे गायब हो जाते है,जिसमे से लगभग 36 हजार का कभी कोई पता ही नहीं चलता है, विगत तीन वर्षो के आंकड़ों में 13 लाख से अधिक गुमशुदा जिंदगियों में केवल मासूम लडकियां ही शामिल है,केवल यूएसए से प्रतिदिन लगभग 2300 बच्चे लापता होते है,ये झकझोर देने वाले आंकड़े दिल दिमाग में एक अशांत तूफान ला देते है, दिनांक 25 मई 1983 का वह काला दिन जिस दिन एटन पेट्स नाम का एक 6 वर्षीय मासूम बालक स्कूल बस पकड़ने के लिए अपने घर से निकलता है,और न्यूयार्क की सड़को से लापता हो जाता है,और फिर लौटकर नही आ पाता,मीडिया की सुर्खियों में गुमशुदा बालक एटन की यह गुमशुदा होने की तारीख दुनिया के लाखों गुमशुदा होने वाले बालक बालिकाओं के स्मरण में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति रोनांल्ड रीजन के प्रयासों से *अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बालक दिवस* के रूप में आज जानी जाती है,एटन पेट्स की तरह लाखों गुमशुदा बालक बालिकाएं अपने परिवारों से बिछड़कर मानव दुर्व्यापार का शिकार हो जाते है,माफिया गिरोह के जाल में फंसकर लाखों मासूम जिंदगिया बाल भिक्षावृत्ति,बाल वेश्यावृति,मानव अंग दुर्व्यापार,खरीद फरोख्त के मांध्यम से बंधुआ बाल श्रम,बाल आतंकवाद जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के घिनौने शोषण रूपी मकड़जाल में सदा के लिए उलझ जाते है, बच्चों के रूप में पूरी दुनिया में जो बाल धरोहर है,इसे सहेजना,संभालना,संरक्षित करना,इनको शिक्षित करना,इनका भरण पोषण करना, इनका चंहुमुखी विकास करना, यह सब नैतिक जिम्मेदारी है हमारी,राष्ट्र की,दुनिया की, और दुनिया के इन भोले भाले, मासूम ,अनमोल खजाने को सुरक्षित किया जा सकता है,तो केवल जागरूकता मुहिम से, एक ऐसी जागरूकता मुहिम से जिसमें कि प्रत्येक बच्चे को जागरूक किया जाए,उनके प्रत्येक जिम्मेदार पालकों को और भी ज्यादा जागरूक किया जाए ,ताकि ऐसी कोई परिस्थितियां ही निर्मित न हो सके कि कोई मासूम जिंदगी गुमशुदगी के दलदल में समा सके,
"बच्चो को सुरक्षित करने के उपाय…"
* प्रत्येक पालक को पता हो कि उनका बच्चा किधर जाने निकला है l
* बच्चो के दोस्त की जानकारी हो l
* मोबाइल का स्वच्छंद प्रयोग से बचाए l
* कार को सीट पर अकेला न छोड़े l
* बच्चो को उनके नाम वाले कपड़े न पहनाए l
* देखभाल करने वाले को पृष्ठभूमि ज्ञात हो l
* बच्चो को कम उम्र से ही अपना मोबाइल नबर, मकान पता, पालक के नाम आदि भली भांति रटे हो l
* सार्वजनिक कार्यक्रमों में बच्चों के दोस्तों के परिजन को भी आमंत्रित करे l
* बच्चो को हाल की तस्वीर हमेशा पास में हो l
* अंगुलियों के निशान भी हो l
ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर हो l
* घूमने फिरने के नियम तय हो l
चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 सभी को पता हो l
* पुलिस का डॉयल 100 भी पता हो l
* डेली रूटीन में आने जाने के स्थानों पर कोई संदिग्ध स्तिथियां न हो l
* बच्चो के टाइम से जरा भी देर होने पर पालक तुरंत हरकत में आए l
* बच्चो को ज्यादा दूरी पर दिन में या रात्रि में रिस्क लेकर l
* अतिउत्साह में बाहर न भेजे l
*निजी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगा हो l
आईये हम सब आज 25 मई 2024 को *अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा बालक दिवस* पर कृत संकल्पित होते है कि कोई भी मासूम जिंदगी "गुमशुदा" नही होगी,लापता नही होगी,हम खुद भी नही होंगे बेखबर,लापरवाह,
बचाएंगे मासूम जिंदगियों को ,सजग होकर, सजग रहकर, सजग करकर समाज को, *सजग नागरिक सुरक्षित समाज*
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