Select Date:

भारत ने आतंक को दिखा दी ‘सिंदूर’ की ताकत

Updated on 08-05-2025 09:13 AM
भारतीय सेना ने पहलगाम की बैसरन घाटी में भारत की बेटियों का सुहाग उजाड़ने वाले निर्मम आतंकियों के खात्मे का ‘आॅपरेशन सिंदूर’ अंजाम देकर न सिर्फ जबर्दस्त बदला लिया है, बल्कि हमारी सेनाअों ने साबित कर दिया है कि वो दुनिया की श्रेष्ठतम प्रोफेशनल सेनाअों में हैं। भारत और उसकी अजेय सेना ने आतंक को सिंदूर की ताकत दिखा दी है कि वो दुश्मन को उसके घर में घुसकर मार सकती है। सिंदूर मिटानेवालों की यही सजा है। क्योंकि सिंदूर पार्वती का सौभाग्य भर नहीं है, उसमे सती का प्रतिशोध भी है। यकीनन ‘आॅपरेशन सिंदूर अत्याधुनिक तकनीक के साथ किया गया ऐसा सफल और पिन पाॅइंटेड अटैक है, वह भी सीमा का उल्लंघन किए बगैर, जिसकी सटीकता से पाकिस्तान तो क्या चीन भी दहल गया होगा।  ‘आॅपरेशन सिंदूर’ इस देश के 140 करोड़ लोगों की भावनाअो का सिंदूर भी है, जिसने आतंकी हमले में असमय जान गंवा चुके भारतीयों के गहरे जख्मोंे पर कुछ तो मरहम लगाया है। 6 मई की रात भारतीय वायु सेना ने महज 25 मिनटों में पाकिस्तान के पीअोके और पंजाब के 9 अड्डों को पूरी सटीकता से नेस्तनाबूद कर वहां रह रहे करीब एक सौ आतंकियों और उनके आकाअोंको ‍िजस अंदाज में ठिकाने लगाया, उससे पूरा देश गदगद है। यह कहने में संकोच नहीं है कि यह पूरा अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक इच्छाशक्ति, राष्ट्र के एकजुट संकल्प,  भारतीय सेना की सौ टंच काबिलियत और आतंकियों को ईंट का जवाब पत्थर से देने की अदम्य इच्छा में रंगा हुआ है। संदेश साफ है कि भारत की तरफ आंख उठाकर देखने वालों का वही अंजाम होगा, जो पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों और उनके आकाअों का हुआ। बीते दस साल में ‍पाकिस्तान पोषित आतंकियों को भारत पहले भी दो बार एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक से  जवाब दे चुका है, लेकिन तब उसकी प्रामाणिकता पर प्रश्नचि न्ह लगे थे। लेकिन इस बार ‘आॅपरेशन‍ सिंदूर’ ने मय सबूतों के साथ न सिर्फ वीरता की मांग भरी है बल्कि उन जबानों पर भी ताला ‍डाल दिया है, जो सबूतों के तराजू पर भारतीय सेना के शौर्य को तौलने की हिमाकत कर रहे थे। 
बीते 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में पाक प्रशिक्षित आतंकियों ने जिस सुनियोजित तरीके से धर्म पूछकर हिंदुअो को चुन-चुन कर मारा, उसने हर भारतीय की आत्मा को भी दहला दिया था। जिस तरह निर्ममता से नवसुहागिनों के माथे पर चमकता ताजा‍ सिंदूर उनकी नजरों के सामने मिटा‍ दिया गया, वैसा करने में तो शायद शैतान भी दो बार सोचता। वो एक आतंकी हमला भर नहीं था, भारत की एकात्मता पर किया गया क्रूर घनाघात था, मानवीय संवेदनाअों की खुलेआम हत्या थी, भारत को बांटने और देश के मुकुट कश्मीर में आ रहे अमन को ‍राख करने का नीच षडयंत्र था। ऐसे में एक ही विकल्प था कि आतंकियों के फन को हर हाल में कुचला जाए। 
इस समूचे ‘आॅपरेशन सिंदूर’ के कई सकारात्मक पहलू हैं। पहला है राजनीतिक इच्छाशक्ति, दूसरा सटीक और पुख्तां इंटेलिंजेस, तीसरा, भारतीय सेनाअोंकी प्रोफेशनल क्षमता और चौथा है देश की एकजुटता। सोशल मीडिया पर उठाए जा रहे मूर्खतापूर्ण सवालों और एंजेडों से अलग लेकिन सरकार के भीतर, सेना के आयोजन और देश के 140 करोड़ लोगों  के मन के भीतर समान संकल्प की एक सरगम गूंज रही थी कि पहलगाम के पापियों को ऐसा सबक सिखाना है, वो बरसों याद रखें। 
वही हुआ भी। इस ‘आॅपरेशन सिंदूर’ की खासियत है कि इसने पाकिस्तान में आतंक के उन मरकजों को भी तबाह किया, जहां तक भारतीय सेना अभी तक पहुंचने से बचती रही थी या यूं कहे कि उसे वहां तक जाने के लिए राजनीतिक हरी झंडी नहीं मिली थी। इस बार वह हदें भी टूट गईं, लेकिन सरहद की मर्यादा को न लांघते हुए। इस आॅपरेशन ने ‍‍िजस तरह पाक नेताअोंऔर सेना की मर्दानगी की डींगों का बधियाकरण कर दिया, वह उनके चेहरों से समझा जा सकता है। यह पूरा आॅपरेशन प्रतीकात्मकता से सजा हुआ था, ‍‍‍िजसमें सिंदूर न सिर्फ हिंदू महिलाअों बल्कि करोड़ों भारतीयों के सौभाग्य का भी प्रतीक बन गया। इस सफल आॅपरेशन की जानकारी पूरी दुनिया को देने का महती दायित्व भी हमारी सेना की दो काबिल महिला अफसरों कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को सौंपना एक जबर्दस्त वैश्विक संदेश था। पाक में तो इसका मैसेज यह गया कि भारत की दो महिला फौ‍िजयों ने ही वहां की सेना को निपटा दिया। इसके अलावा पहलगाम अटैक के बाद आयो‍िजत सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का न जाना और उसकी जगह बिहार की जनसभा में आतंकियों और उनके आकाअोंको ‘कल्पना से भी कड़ी सजा देने’ का सार्वजनिक ऐलान, पीएम का उच्चाधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रणनीति को आकार देना, जवाबी कार्रवाई के लिए सेना पर पूरा भरोसा जताना, कूटनीतिक मोर्चे पर पुख्ता तैयारी करना, भीतर ही भीतर हर घटनाक्रम की माॅनिटरिंग करते हुए बाहर बेफिक्र दिखने का अाभास देना तथा देश में माॅक ड्रिल का झांसा देकर पाक को धोखे में रखना और ड्रिल के एक दिन पहले ही भारतीय सेना द्वारा पाक में बैठे आतंनकियों और उनके ठिकानों को रौंद देना यह साबित करता है समूची स्क्रिप्ट बड़ी प्रोफेशनल ढंग से लिखी गई थीं। इससे पूरी दुनिया में भारत के नेतृत्व और सेना का सिर गर्व से ऊंचा हुआ है, इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। 

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 08 May 2025
भारतीय सेना ने पहलगाम की बैसरन घाटी में भारत की बेटियों का सुहाग उजाड़ने वाले निर्मम आतंकियों के खात्मे का ‘आॅपरेशन सिंदूर’ अंजाम देकर न सिर्फ जबर्दस्त बदला लिया है,…
 03 May 2025
केन्द्र मोदी सरकार द्वारा विपक्ष के दबाव के चलते इस साल देश में जाति गणना कराने के फैसले के साथ ही मंडल राजनीति 3.0 का आगाज भी हो गया है।…
 30 April 2025
पाकिस्तान को हमेशा गद्दारी करने पर भी भारत ने बड़ा हृदय रखकर क्षमादान परंतु पाकिस्तान हमेशा विश्वास घाट पर आतंकवादी षड्यंत्र किए  पाकिस्तान ने हमारी सहनशक्ति के अंतिम पड़ाव पर…
 27 April 2025
12 सबसे बेहतरीन विरासतें..1. बुद्धिमत्ता (Wisdom)बुद्धिमत्ता स्कूलों में नहीं सिखाई जाती, यह जीवन के अनुभवों से प्राप्त होती है। माता-पिता ही सबसे अच्छे शिक्षक होते हैं। अपने बच्चों को मार्गदर्शन…
 24 April 2025
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में विधानसभाअों द्वारा पारित विधेयको को सम्बन्धित राज्यपालों द्वारा अनंत काल तक रोक कर ‘पाॅकेट वीटो’ करने की प्रवृत्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय…
 17 April 2025
रायपुर I छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2025 में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रोजेक्ट टूडे सर्वे द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 218 नई…
 14 April 2025
भारतीय संविधान के शिल्पी डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़ा एक रोचक प्रसंग याद आता है जब एक बार विदेशी पत्रकारों का प्रतिनिधि मंडल भारत भ्रमण पर आया। यह प्रतिनिधि…
 13 April 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों यानी इंडिया ब्लाक पर हमला करते हुए कहा है कि विपक्ष का एकमेव लक्ष्य परिवार का साथ और परिवार का विकास है। मध्यप्रदेश के…
 11 April 2025
महात्मा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा में हुआ था।  ज्योतिबा फुले बचपन से ही सामाजिक समदर्शी तथा होनहार मेधावी छात्र थे,  आर्थिक कठिनाइयों के कारण …
Advertisement