नई दिल्ली । चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी हो गए हैं। आंकड़ों में जून की तिमाही के मुकाबले रिकवरी जरूर मिली है, लेकिन तकनीकी तौर पर मंदी भी माना जा रहा है। हालांकि, मोदी सरकार का थिंक टैक नीति आयोग मंदी नहीं मानता है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह तकनीकी मंदी नहीं है, यह सामान्य परिस्थितियां नहीं हैं। इसके बाद तकनीकी मंदी के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है। राजीव कुमार ने कहा कि हम संकट के दौर से बाहर आ रहे हैं। दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ अनुमान निगेटिव में 10 फीसदी तक था, जो 7.5 फीसदी रह गया है। उपभोक्ता मांग में भी ग्रोथ है, जो बहुत अच्छा संकेत है।
दरअसल, वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी यानी सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव में 7.5 फीसदी रही है। वित्त वर्ष की पहली यानी जून की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 24 फीसदी की भारी गिरावट आ चुकी है। लगातार दो तिमाही में निगेटिव ग्रोथ को तकनीकी तौर पर मदी माना जाता है। वहीं, कोर सेक्टर के उत्पादन में लगातार आठवें महीने गिरावट पर राजीव कुमार ने कहा कि लंबे समय तक संकुचन नहीं होगा। कोर सेक्टर में भी उर्वरक और बिजली पॉजिटिव ग्रोथ दिखा रहे हैं। बता दें कि कोर सेक्टर का उत्पादन इस बार अक्टूबर महीने में एक साल पहले की तुलना में 2.5 प्रतिशत घट गया। यह लगातार आठवां महीना है, जब इन क्षेत्रों का उत्पादन कम हुआ हो। खपत में गिरावट पर राजीव कुमार ने कहा कि त्यौहारों के कारण अक्टूबर एक बेहतर महीना था। मुझे यकीन है कि जनवरी-मार्च तिमाहीमें पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिलेगी। कोरोना काल में भी चीन के पॉजिटिव ग्रोथ को लेकर नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि हमने जीवन और आजीविका के बीच सही संतुलन कायम किया है।