लोकसभा चुनाव के छह चरण पूरे हो चुके हैं और अब केवल एक चरण बाकी है, यह एक चरण इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में मतदान होना है। चुनाव अभियान में एक-दूसरे पर तंज कसने और बढ़त लेने का कोई भी मौका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी नहीं छोड़ रहे हैं। देशव्यापी स्तर पर एनडीए और इंडिया महागठबंधन के लिए मुख्यरुप से चुनावी प्रचार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ही कर रहे हैं, इसीलिए वे एक-दूसरे के निशाने पर हैं। बीच में राज्यों के क्षेत्रीय क्षत्रप भी किसी न किसी के निशाने पर आ जाते हैं। शाब्दिक जंग गरीब मॉ के बेटे से होती हुई वाया शाही खानदान और देश का बेटा हूं तक जा पहुंची है। अभी और कौन-कौन से शाब्दिक अलंकरण सामने आना है यह जैसे-जैसे एक जून पास आयेगा देखने व सुनने को मिलेंगे। अपने भाषण में भावनात्मक पक्ष शामिल करने में नरेन्द्र मोदी का कोई मुकाबला नहीं है, उन्होंने पंजाब के पटियाला में कहा कि यदि वे 1971 में भारत के प्रधानमंत्री होते तो करतारपुर भारत में होता और इसी शर्त पर वे जो सैनिक भारत-पाक युद्ध में बंदी बनाये थे उन्हें रिहा करते। तो वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी ने कहा कि मैं देश का बेटा हूं।
बस्ती और श्रावस्ती में चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मैं गरीब मॉ का बेटा हूं किसी शाही खानदान का नहीं, मुझे किसी के लिए कुछ कमाना नहीं है। उन्होंने मतदाताओं को चेताते हुए यहां तक कह डाला कि सपा और कांग्रेस वाले आपके घर से पानी टोंटी खोल कर ले जायेंगे, क्योंकि उन्हें इसी में महारत हासिल है। मोदी का इशारा समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की ओर था क्योंकि जब अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री निवास खाली किया था तब उन पर यह आरोप लगाया गया था कि वे जाते-जाते नल की टोंटी खोलकर ले गए हैं। मोदी ने कहा कि कल मैं एक वीडियो देख रहा था कि लोग भाग-भाग कर मंच पर चढ़ रहे हैं मैंने पूछा कि यह हुड़दंग क्यों चल रहा है तो बताया गया कि सपा और कांग्रेस वाले रैली में लोगों को लाने के लिए कांट्रेक्ट देते हैं, प्रति व्यक्ति पैसा देते हैं लेकिन उन्हें इतना पैसा दिया नही तो लोग मंच पर भाग कर चढ़ गये। मोदी का कहना था कि अब पाकिस्तान पस्त पड़ चुका है लेकिन उसके हमदर्द सपा और कांग्रेस वाले भारत को डराने में जुटे हैं, ये हमें डराते हैं, इनको मालूम नहीं कि 56 इंच क्या होता है। उनका आरोप था कि सपा और कांग्रेस के शासन में डीएम और डीजीपी बनाने तथा नौकरी देने के लिए रेट कार्ड फिक्स था, अब यह सब बंद हो गया है, जिसका इतना नुकसान होगा वह मोदी को गाली तो देगा ही, मोदी को यह गालियां मंजूर हैं, सपा कांग्रेस वाले कान खोलकर सुन लें कि मेरे लिए भ्रष्टाचार कतई मंजूर नहीं। मोदी ने कहा कि उनके प्रति जनता का उत्साह साफ-साफ बता रहा है कि सपा व कांग्रेस का इंडिया गठबंधन पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है, पूरा देश यही कह रहा है कि एक बार फिर मोदी सरकार। वहीं दूसरी ओर सोनीपत में राहुल गांधी ने कहा कि मैं देश का बेटा हूं और प्रधानमंत्री मोदी देश के राजा। उन्होंने मतदाताओं को भरोसा दिलाया कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर किसानों के कर्ज माफ होंगे और एमएसपी की गारंटी देगी। राहुल ने कहा कि एक बार हम और किसानों का कर्ज माफ तो करेंगे ही और अग्निवीर योजना को कूड़े के ढेर में डाल देंगे। पीएम कहते हैं कि किसानों का कर्ज माफ नहीं होगा लेकिन हम माफ करेंगे, पीएम सिर्फ अरबपतियों का कर्ज माफ करते हैं। भाजपा सरकार ने गरीबों को और गरीब बनाया है, मोदी सरकार अमीरों की सरकार है।
चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार को एक बड़ा झटका कलकत्ता हाईकोर्ट से उस समय लगा जब राज्य में 2010 के बाद जारी सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिये गये। इनकी संख्या लगभग 5 लाख है। उच्च न्यायालय ने सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया को असंवैधानिक करार दिया और 37 वर्गों को दिये गये ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया। हालांकि कोर्ट ने यह कहा कि रोजगार की प्रक्रिया में रद्द किये गये प्रमाण पत्रों का उपयोग नहीं हो सकेगा, लेकिन उन लोगों पर इस सर्टिफिकेट के आधार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा जो नौकरी कर रहे हैं। इस पर दिल्ली में एक चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंडी एलायंस के लिए यह बड़ा तमाचा है, प .बंगाल सरकार ने वोट बैंक के लिए मुसलमानों को ओबीसी बनाने के लिए अनाप-अनाप सर्टिफिकेट दिये। तुष्टिकरण की सनक हद पार कर रही है और यही लोग यह भी कहते हैं कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। ये लोग लगातार सरकारी जमीनें वक्फ बोर्ड को दे रहे हैं और बदले में वोट मांग रहे हैं यह वोटबैंक राजनीति की पराकाष्ठा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अदालत के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हम इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि हम अल्पसंख्यक व ओबीसी का आरक्षण छीन लेंगे, क्या ऐसा कभी हो सकता है। ममता ने आरोप लगाया कि ये शरारती लोग -भाजपा- अपना काम एजेंसियों के माध्यम से कराते हैं, इसी के माध्यम से इन्होंने आदेश जारी कराया है। जिन्होंने आदेश दिया इसे अपने पास रखें हम भाजपा की राय नहीं मानेंगे और ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा।
भले ही लोकसभा चुनाव अब समापन की दिशा में आगे बढ़ रहा है लेकिन विरोधियों पर तीखे वार और पलटवार का सिलसिला बदस्तूर जारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब में पहली चुनावी रैली में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय मोदी पीएम होता तो करतारपुर भारत में होता। उधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम के इस बयान पर तंज कसा कि उन्हें परमात्मा ने भेजा है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल पहले देश का ऐसा बंटवारा किया कि दूरबीन से करतारपुर साहब के दर्शन करना पड़ते हैं। बांग्लादेश की लड़ाई में 90 हजार से ज्यादा पाक सैनिक सरेंडर कर हमारे कब्जे में थे और उस समय मोदी होता तो करतारपुर साहब को लेकर ही सैनिकों को छोड़ता। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब में दिखावे के लिए दिल्ली की भ्रष्टाचारी पार्टी और सिख दंगों की दोषी पार्टी आमने-सामने लड़ रहे हैं लेकिन वास्तव में दोनों एक ही हैं।
*और यह भी*
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घेराबंदी करने में पूरी ताकत से भिड़े हुए हैं, उन्होंने दिल्ली की एक सभा और सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि परमात्मा ने यह कैसा आदमी भेज दिया कि लोग कोविड में दम तोड़ रहे थे और वे लोगों से थाली बजाने और मोबाइल की लाइट जलाने को कहते रहे। राहुल ने आगे कहा कि मोदी ने वाराणसी में एक इंटरव्यू में कहा था कि वह बायोलॉजिकल नहीं हैं बल्कि परमात्मा ने उन्हें सेवा मिशन के लिए भेजा है। राहुल का कहना था कि परमात्मा का भेजा हुआ व्यक्ति 22 लोगों के कहने से काम करते हैं और बेरोजगारों के लिए पकौड़ा तलने के लिए कहते हैं।
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