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पाकिस्‍तान और चीन की सेनाओं ने शुरू किया हवाई युद्धाभ्‍यास, जमीन से लेकर हवा में भारत की बढ़ेगी टेंशन

Updated on 29-08-2023 02:04 PM
इस्‍लामाबाद: भारत के दो सबसे बड़े दुश्‍मन चीन और पाकिस्‍तान की वायु सेनाओं ने सोमवार को संयुक्‍त हवाई युद्धाभ्‍यास शाहीन 10 शुरू किया है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि दोनों ही सेनाओं की जमीनी और हवाई सेनाएं विभ‍िन्‍न युद्धक स्थितियों जैसे संयुक्‍त हवाई रक्षा, संयुक्‍त जवाबी कार्रवाई और संयुक्‍त रूप से कब्‍जा करने और कंट्रोल करने की ट्रेनिंग आयोजित कर रहे हैं। माना जा रहा है कि 'सदाबहार दोस्‍त' चीन और पाकिस्‍तान की वायुसेनाएं भारत को लक्ष्‍य करके यह अभ्‍यास कर रही हैं। यह अभ्‍यास ऐसे समय पर आयोजित किया जा रहा है जब चीन ने नया नक्‍शा जारी किया है और अरुणाचल प्रदेश से लेकर अक्‍साई चिन तक के इलाके को अपना बताया है।

चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन में होने वाले अभ्यास में दोनों पक्ष लड़ाकू विमान, चेतावनी विमान और कई अन्य प्रकार के विमानों के साथ-साथ जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और रडार और सिग्नल सैनिकों का इस्तेमाल करेंगे। चीनी नौसेना की विमानन यूनिन भी प्रशिक्षण में शामिल होगी। दोनों देशों ने पहली बार इस तरह के अभ्यास 2011 में किया था। चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा रक्षा साझेदार है, उसके बाद अमेरिका है। इससे पहले, चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि वह इस सप्ताह सिंगापुर के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू करेगा।

सबमरीन से लेकर फाइटर जेट तक दे रहा चीन


यह कोऑपरेशन-2023 संयुक्त सैन्य अभ्यास देर से अगस्त से मध्य सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। यह भी कहा गया है कि सैनिक निशानेबाजी, क्लोज -क्वार्टर कॉम्बैट, रस्सी चढ़ना और बंधक बचाव अभ्‍यास में भाग लेंगे। चीन और पाकिस्‍तान की सेनाओं में लगातार सहयोग बढ़ता जा रहा है। दोनों देश मिलकर भारत के खिलाफ युद्धक तैयारियां कर रहे हैं। चीन के सैनिक पाकिस्‍तानी सैन्‍य ठिकानों में देखे गए हैं। यही नहीं चीन के इंजीनियर पाकिस्‍तानी सेना के लिए बंकर तक सीमा पर तैयार कर रहे हैं।

चीन ने पाकिस्‍तान को फाइटर जेट से लेकर परमाणु बम दागने वाली तोप तक दिया है। चीन पाकिस्‍तान की नौसेना के लिए सबमरीन और युद्धपोत तक तैयार कर रहा है। हाल ही में चीन में बने शक्तिशाली युद्धपोत को पाकिस्‍तानी नौसेना में शामिल किया गया था। हालांकि चीनी हथियारों की गुणवत्‍ता से पाकिस्‍तान की सेना बहुत परेशान है। चीन के हथियार सही से काम नहीं कर रहे हैं जिसकी वजह से पाकिस्‍तान को अमेरिका और तुर्की जैसे देशों से भी हथियार लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
भारत के लिए पहला मौका
साल 2008 में पैदा हुए वित्तीय संकट के जवाब में इस समूह की तरफ से शिखर-स्तर की मीटिंग्‍स आयोजित हो रही हैं। यह पहली बार है जब भारत को शिखर सम्मेलन की मेजबानी है। 18 देशों के एक विशाल सम्‍मेलन में नेताओं की भागीदारी प्रतिनिधित्व किया जाएगा। जो नेता भारत आ रहे हैं उनमें अर्जेंटीना के राष्‍ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, ब्राजील के राष्‍ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग, फ्रांस के इमैनुएल मैंक्रो, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्‍ज, इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति जोको विडोडो शामिल हैं।
इनके अलावा इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, जापान के पीएम फुमियो किशिदा, दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति यून सुक येओल, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और पीएम मोहम्मद बिन सलमान, दक्षिण अफ्रीका के राष्‍ट्रपति सिरिल रामफोसा, तुर्की के राष्‍ट्रपति एर्दोगन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, अमेरिका के प्रेसीडेंट जो बाइडन, यूरोपियन काउंस‍िल के यूरोपीय काउंसिल के मुखिया चार्ल्स मिशेल और यूरोपियन यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन शामिल हैं।

पुतिन रहेंगे नदारद
आगामी शिखर सम्मेलन में रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की जगह उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव आएंगे। इसी तरह से मैक्सिको के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वित्त मंत्री मंत्री रकेल ब्यूनरोस्त्रो सांचेज करेंगे। मैक्सिको के राष्‍ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर ने साल 2020 में रियाद में हुए जी-20 सम्‍मेलन में वर्चुअल शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे। इसके बाद से पारंपरिक रूप से मंत्री-स्तरीय प्रतिनिधित्व को ही आगे बढ़ा रहे हैं। खास तौर पर मैक्सिको की उपस्थिति इस स्तर पर लगातार बनी हुई है। इसके विदेश मंत्री मार्सेलो एबरार्ड ने साल 2022 में बाली जी20 शिखर सम्मेलन, 2021 में इटली जी20 शिखर सम्मेलन और 2019 में ओसाका जी20 शिखर सम्मेलन में देश का प्रतिनिधित्व किया है।

जिनपिंग भी आएंगे भारत
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनावपूर्ण स्थिति के बीच, शिखर सम्मेलन के लिए चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग का दिल्ली आगमन पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक बातचीत के बाद तय हुआ। शी की आखिरी भारत यात्रा साल 2019 में तमिलनाडु के मामल्लपुरम में थी और यह एक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन था। सात से 10 सितंबर तक राष्‍ट्रपति जो बाइडन की भारत यात्रा में G20 की भागीदारी शामिल है। व्हाइट हाउस ने यात्रा की घोषणा करते हुए पीएम मोदी के जी20 नेतृत्व की सराहना की और प्रमुख आर्थिक सहयोग मंच के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के पीएम ऋषि सुनक और दक्षिण कोरिय के राष्‍ट्रपति यून सुक येओल की पदभार संभालने के बाद पहली भारत यात्रा है।


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