नई दिल्ली । कोरोना की कई वैक्सीन अब आखिरी दौर में पहुंच चुकी हैं। फाइजर, मॉडर्ना, ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका, स्पतनिक वी जैसी वैक्सीन का एफेकसी डेटा भी आ गया है। दुनियाभर में वैक्सीन लगाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। हालांकि अभी तक किसी भी वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट्स की बात सामने नहीं आई है। लेकिन जिस तेजी से वैक्सीन तैयार हुई हैं, उस देखकर इसकी संभावना से वैज्ञानिक इनकार नहीं कर रहे हैं। इस लेकर मोदी सरकार ने टीकाकरण की तैयारियों में साइइ इफेक्ट्स के प्रोटोकॉल को भी शामिल किया है। राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे कोरोना वैक्सीन के किसी संभावित साइड इफेक्ट से निपटने के लिए तैयारी कर लें। आमतौर पर वैक्सीन तैयार होने में सालों लगते हैं मगर कोरोना के केस में महज कुछ महीनों में वैक्सीन तैयार की गई है। इस जल्दबाजी में भी सुरक्षा संबंधी पहलुओं का ध्यान रखा गया है लेकिन हर एक पर वैक्सीन का कैसा असर होगा, यह परखने में काफी वक्त लगता है।
मॉडर्ना वैक्सीन के ट्रायल में शामिल शख्स को हड्डी तोड़ने वाली एंठन महसूस हुई थी। उस डोज देने के कुछ घंटे बाद 102 डिग्री फैरनहाइट तक बुखार आ गया था। हालांकि कुछ घंटों बाद उसके लक्षण मंद पड़ गए। बुखार और कंपकंपी मॉडर्ना वैक्सीन के सबसे आम साइड इफेक्ट्स हैं। इसके अलावा कई वैक्सीन से लोगों की सिरदर्द की शिकायतें हुईं। आंकड़े भी बताते हैं कि वैक्सीन पाने वाले आधे लोगों को हल्का सिरदर्द होता ही है। वैक्सीन का आपके पाचन तंत्र पर थोड़ा असर हो सकता है। मॉडर्ना के ट्रायल में एक शख्स की हालत पतली हो गई थी। उसे चक्कर आने, पेट में मरोड़ उठने, उल्टी आने, थकान जैसी शिकायतें थीं। इसके बाद वैक्सीन का एक संभावित साइड इफेक्ट पेट में गड़बड़ी भी है।
वैक्सीन लगती है, उसके आसपास मांसपेशियों में दर्द होना आम बात है। टीके वाली जगह पर लाल चकत्ते भी इम्युन रेस्पांस की वजह से पड़ जाते हैं। फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका, तीनों ही वैक्सीन से यह साइड इफेक्ट रिपोर्ट हुआ है। अभी जारी ट्रायल्स में माइग्रेन की शिकायतें भी आई हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद कहा था कि वैक्सीन चाहे जब आए, सभी वैज्ञानिक जांचों में सुरक्षित मिलने पर ही नागरिकों को दी जाएगी। सरकार अगले साल से बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू करने वाली है। राज्यों को लिखी चिट्ठी में अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव मनोहर अग्नानी ने कहा है कि लोगों में दवाओं के प्रति रिएक्शन आम बात है, ऐसा कोविड-19 वैक्सीन के केस में भी हो सकता है, इसलिए पहले से तैयार रहें। राज्यों से एडर्नालाइन इंजेक्शन का पर्याप्त स्टॉक मेंटेन रखने को कहा गया है ताकि किसी एलर्जिक रिएक्शन की स्थिति में लोगों को वह लगाया जा सके।