अमेरिकी सदन से स्पीकर केविन मैक्कार्थी की छुट्टी, इतिहास में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव से गई कुर्सी
Updated on
04-10-2023 01:50 PM
वॉशिंगटन: अमेरिका में मंगलवार को बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला है। यहां पर प्रतिनिधि सभा ने रिपब्लिकन केविन मैक्कार्थी को स्पीकर पद से हटा दिया। अमेरिका के इतिहास में यह पहली बार है कि सदन ने अविश्वास मत में अपने नेता को पद से हटाया है। कैलिफोर्निया के मैक्कार्थी को उस समय पद से हाथ धोना पड़ा जब आठ रूढ़िवादी रिपब्लिकन का एक छोटा समूह 'मोशन टू वैकेट' का हिस्सा बन गया। इसमें सभी डेमोक्रेट्स शामिल थे। इस प्रस्ताव को फ्लोरिडा के जीओपी प्रतिनिधि मैट गेट्ज की तरफ से पेश किया गया था। वह काफी लंबे समय से मैक्कार्थी के खिलाफ रहे हैं। आखिरी वोट 216-210 था।
अब नहीं लड़ेंगे चुनाव वोट खत्म होने के बाद उत्तरी कैरोलिना के प्रतिनिधि पैट्रिक मैकहेनरी ने अस्थायी वक्ता की भूमिका निभाई। उन्होंने सदन में छुट्टी घोषित कर दी। मैकहेनरी, मैक्कार्थी के करीबी सहयोगी और वित्तीय सेवा समिति के अध्यक्ष हैं। एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक मैक्कार्थी ने मंगलवार शाम सहकर्मियों से कहा कि वह दोबारा स्पीकर पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे। स्पीकर का पद गंवाने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में, मैक्कार्थी ने कहा कि वह इस स्थिति को बदलना नहीं चाहते हैं। साथ ही वह स्पीकर के तौर पर काम करने के लिए खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं।
क्यों हटाए गए मैक्कार्थी मैक्कार्थी को पद से हटाए जाने की प्रक्रिया पिछले शनिवार से प्रभावी तौर पर शुरू हो गई थी। उन्होंने डेमोक्रेट्स को रिपब्लिकन के साथ मिलकर एक अल्पकालिक फंडिंग बिल को मंजूरी दे दी थी। इसका मकसद सरकार को शटडाउन से बचाना था। इसे एक आश्चर्यजनक जीत करार दिया गया था। जबकि मैक्कार्थी के इस फैसले ने व्हाइट हाउस को खुश कर दिया था। लेकिन मैकार्थी के फैसले ने जीओपी कॉकस के उन सदस्यों सदस्यों को और नाराज कर दिया जो पहले से उनसे खफा थे।
सन् 1910 के बाद आया प्रस्ताव मैक्कार्थी के कई समर्थकों ने कहा है कि वो स्पीकर वोट के अगले दौर के लिए उनका नाम पेश करने की योजना बना रहे हैं। लेकिन जीओपी नेतृत्व के अन्य सदस्यों का नाम भी उनके विकल्प के तौर पर शामिल किया गया है। इसमें मिनेसोटा के टॉम एम्मर और लुइसियाना के नेता स्टीव स्कैलिस शामिल हैं। ये दोनों रिपब्लिकन के बीच काफी लोकप्रिय हैं। आखिरी बार सदन में मोशन टू वैकेट प्रस्ताव सन् 1910 में आया था। उस समय जब तत्कालीन रिपब्लिकन स्पीकर जोसेफ कैनन हालांकि बच गए थे। जनवरी में चुने जाने के बाद से ही मैक्कार्थी लगातार कमजोर साबित हो रहे थे। गेट्ज के नेतृत्व वाला एक समूह उनसे काफी नाराज था।
तेल अवीव: हमास के वरिष्ठ सदस्य कथित तौर पर तुर्की में मौजूद हैं। रविवार को इजरायल के सरकारी टीवी KAN ने एक रिपोर्ट में बताया है। कुछ दिनों पहले यह रिपोर्ट…
रियाद: सऊदी अरब की सरकार ने धार्मिक और राष्ट्रीय प्रतीकों के इस्तेमाल पर अहम फैसला लिया है। सऊदी ने निजी और कारोबारी इस्तेमाल के लिए धार्मिक और राष्ट्रीय प्रतीकों के…
वेलिंग्टन: न्यूजीलैंड में खालिस्तानियों को एक बड़ा झटका लगा है। ऑकलैंड में आयोजित एक विवादास्पद कथित खालिस्तान जनमतसंग्रह के बाद न्यूजीलैंड की सरकार ने बड़ा बयान दिया है। न्यूजीलैंड की सरकार…
मॉस्को: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बड़ा फैसला लिया है। बाइडन ने यूक्रेन को रूस के अंदर शक्तिशाली लंबी दूरी के अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल करने…
नई दिल्ली/मास्को/ बीजिंग: चीन से जैसे महाशक्तिशाली दुश्मन से घिरे भारत ने भी आखिरकार हाइपरसोनिक मिसाइलों की दुनिया में बहुत बड़ी सफलता हासिल कर ली है। भारत ने करीब 1500 किमी…
यरुशलम: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सीजेरिया स्थित आवास पर हमला हुआ है। इजरायल की आंतरिक खुफिया एजेंसी शिन बेट और पुलिस ने शनिवार शाम को बताया कि सीजेरिया में नेतन्याहू…
तेहरान: ईरान ने गुप्त रूप से अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के उत्तराधिकारी को चुन लिया गया है। बीमार चल रहे 85 वर्षीय अली खामेनेई के दूसरे बेटे मोजतबा खामेनेई…
ढाका: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया के रूप में सत्ता संभालने के बाद मोहम्मद यूनुस ने वादा किया था कि वह देश में अल्पसंख्यकों और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हो…