ग्लोबल टाइम्स, शिन्हुआ न्यूज के एक्स अकाउंट बैन
प्रोपेगेंडा फैलाते हुए चीनी मीडिया में पुराने युद्ध के वीडियो एडिट करके लगाए जा रहे थे। ग्लोबल टाइम्स, पाकिस्तान की सेना के हवाले से तमाम फर्जी खबरें चला रहा था। वो भारतीय हथियारों को लेकर भ्रामक जानकारियां फैला रहा था। चीन में भारतीय दूतावास ने तो ग्लोबल टाइम्स को फर्जी खबरें चलाने के लिए फटकार तक लगाई थी। चीन के साथ साथ तुर्की की मीडिया में लिखा जा रहा था कि "पाकिस्तान के JF-17 थंडर की हाइपरसोनिक मिसाइलों ने आदमपुर में भारत के S-400 सिस्टम को नष्ट कर दिया है। एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की कीमत करीब 1.5 बिलियन डॉलर है।" भारतीय सेना ने जब इन दावों का खंडन कर दिया, फिर भी खबरों को अपडेट नहीं किया गया। इन देशों की मीडिया में भारतीय सेना के बयान नहीं दिखाए जा रहे थे।
जाहिर तौर पर चीनी मीडिया में ऐसा इसलिए दिखाया जा रहा था क्योंकि जेएफ-17 चीनी फाइटर जेट है और सरकारी चीनी मीडिया में इस तरह के निराधार दावों से सीधे तौर पर सरकारी चीनी एयरोस्पेस कंपनियों को फायदा होता है। इन रिपोर्टों के बाद, J-17 और J-10C लड़ाकू विमानों के निर्माता एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट कंपनी लिमिटेड के शेयरों में शेन्ज़ेन ट्रेडिंग में दो सत्रों में 36 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई। इसके अलावा तुर्की की मीडिया में भारत को मुस्लिम विरोधी देश दिखाने की कोशिश की गई। डिजिटल तरह से मुस्लिम ब्रदरहुड को बढ़ावा दिया गया। कई संकेतों में चीनी मीडिया ने एक्सपर्ट्स के हवाले से भारत के नागरिकों को डराने की नीयत से 'टू फ्रंट वॉर' का नैरेटिव फैलाने की कोशिश की। भारतीय फाइटर जेट को गिराए जाने के फर्जी वीडियो चीन-समर्थित अकाउंट्स से फैलाए गए। लिहाजा भारत ने सख्त एक्शन लेते हुए चीन के दोनो भोंपू के मुंह को बंद कर दिया है।
प्रोपेगेंडा फैलाते हुए चीनी मीडिया में पुराने युद्ध के वीडियो एडिट करके लगाए जा रहे थे। ग्लोबल टाइम्स, पाकिस्तान की सेना के हवाले से तमाम फर्जी खबरें चला रहा था। वो भारतीय हथियारों को लेकर भ्रामक जानकारियां फैला रहा था। चीन में भारतीय दूतावास ने तो ग्लोबल टाइम्स को फर्जी खबरें चलाने के लिए फटकार तक लगाई थी। चीन के साथ साथ तुर्की की मीडिया में लिखा जा रहा था कि "पाकिस्तान के JF-17 थंडर की हाइपरसोनिक मिसाइलों ने आदमपुर में भारत के S-400 सिस्टम को नष्ट कर दिया है। एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की कीमत करीब 1.5 बिलियन डॉलर है।" भारतीय सेना ने जब इन दावों का खंडन कर दिया, फिर भी खबरों को अपडेट नहीं किया गया। इन देशों की मीडिया में भारतीय सेना के बयान नहीं दिखाए जा रहे थे।
जाहिर तौर पर चीनी मीडिया में ऐसा इसलिए दिखाया जा रहा था क्योंकि जेएफ-17 चीनी फाइटर जेट है और सरकारी चीनी मीडिया में इस तरह के निराधार दावों से सीधे तौर पर सरकारी चीनी एयरोस्पेस कंपनियों को फायदा होता है। इन रिपोर्टों के बाद, J-17 और J-10C लड़ाकू विमानों के निर्माता एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट कंपनी लिमिटेड के शेयरों में शेन्ज़ेन ट्रेडिंग में दो सत्रों में 36 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई। इसके अलावा तुर्की की मीडिया में भारत को मुस्लिम विरोधी देश दिखाने की कोशिश की गई। डिजिटल तरह से मुस्लिम ब्रदरहुड को बढ़ावा दिया गया। कई संकेतों में चीनी मीडिया ने एक्सपर्ट्स के हवाले से भारत के नागरिकों को डराने की नीयत से 'टू फ्रंट वॉर' का नैरेटिव फैलाने की कोशिश की। भारतीय फाइटर जेट को गिराए जाने के फर्जी वीडियो चीन-समर्थित अकाउंट्स से फैलाए गए। लिहाजा भारत ने सख्त एक्शन लेते हुए चीन के दोनो भोंपू के मुंह को बंद कर दिया है।