केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से मुखातिब हुए। मीडिया से चर्चा की शुरुआत करते हुए पूर्व सीएम ने सबसे पहले प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा के निधन पर कहा, नरेंद्र को याद करते हुए मन भरा हुआ है।
शिवराज ने कहा- आज मोदी जी के नेतृत्व में कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति ने ये फैसला किया है कि अब जनगणना के साथ जातियों की गणना होगी। जातिगत जनगणना पूरी पारदर्शिता के साथ होगी। समाज के सभी वर्गों के आर्थिक और सामाजिक हितों को ध्यान में रखते हुए देश के हित में होगी।
विपक्ष के कहने पर तारीख थोड़े ही बताएंगे शिवराज ने कहा- आज बातें की जा रही हैं, तारीख बताइए? क्या तुमसे पूछ कर तारीख बताएंगे? विपक्ष के कहने पर तारीख बताएंगे? तारीख भी तय होगी, जातिगत जनगणना भी होगी। राष्ट्र और समाज के व्यापक हित में उसका उपयोग किया जाएगा।
EWS को 10% आरक्षण दिया तब देश में कहीं तनाव पैदा नहीं हुआ शिवराज ने कहा- इससे पहले मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10% आरक्षण का फैसला किया था। तब भी देश में कहीं भी तनाव पैदा नहीं हुआ था। अब जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय के लिए सबका साथ और सबका विकास और सबके कल्याण के लिए की जाएगी।
नेहरू ने कहा था वे जातिगत आरक्षण के विरोधी शिवराज ने कहा- कांग्रेस के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी ने मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में कहा था वो जाति के आधार पर आरक्षण के विरोधी हैं, समर्थक नहीं हैं। वो पत्र रिकॉर्ड में मौजूद है। उन्होंने हमेशा जाति और जातिगत जनगणना का विरोध किया था। काका कालेलकर की रिपोर्ट किसने दबाई थी? कभी पंडित नेहरू का रवैया ऐसा नहीं था। इंदिरा जी ने क्या किया था? मंडल कमीशन की रिपोर्ट आई तब कांग्रेस का रुख क्या था? कांग्रेस ने हमेशा जातिगत जनगणना का विरोध किया। 1980 के दशक में जब मंडल कमीशन आया, तब इंदिरा जी ही ने विरोध किया था। बीपी मंडल की जातिगत जनगणना की मांग को तत्कालीन गृहमंत्री ज्ञानी जैल सिंह ने खारिज किया था। सोनिया जी सुपर पीएम थीं तब जातिगत जनगणना क्यों नहीं कराई केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज ने कहा- राहुल जी मैं आपको याद याद दिलाना चाहता हूं स्वर्गीय राजीव गांधी का रुख क्या था? तब जातिगत जनगणना क्यों नहीं की थी? फिर सोनिया जी पावर में आई वे सुपर पीएम थी। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार आई तब उन्होंने पार्लियामेंट में आश्वस्त किया था कि वह जाति के जनगणना पर कैबिनेट में विचार करेंगे। एक समूह बना ग्रुप आफ मिनिस्टर्स तब भी जातिगत जनगणना नहीं हुई।
एक सर्वे बस हुआ था जिसे एसईसीसी के नाम से जाना जाता है। सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने जातिगत जनगणना क्यों नहीं कराई? और एसईसीसी के जो उस समय सर्वे के आंकड़े थे उसमें भी हजारों त्रुटियां थीं। उनको लगभग अग्राह्य कर दिया गया? तब कांग्रेस कहां थी? झूठ बोलना और भ्रम फैलाना यह कांग्रेस के डीएनए में है। 1971 में गरीबी हटाओ का नारा दिया गया था। गरीबी नहीं हटी गरीब ही हट गए। कर्जा माफ, बिजली बिल माफ, बेरोजगारी भत्ता देंगे ना जाने कितने झूठ बोले।
श्रेय के लिए उछल कूद कर रहे आज श्रेय के लिए उछल कूद कर रहे हो पहले जवाब देना होगा कांग्रेस ने क्यों जातिगत जनगणना नहीं कराई? आज बड़ी-बड़ी बातें की जा रही थीं। कांग्रेस का तो नकली चेहरा सामने आता है असली सूरज छुपी रहती है। जातिगत जनगणना पूरे पारदर्शी तरीके से होगी। समाज के हर वर्ग के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए और समाज में बिना तनाव पैदा किए हुए होगी। सटीक डेटा के आधार पर समाज के हर वर्ग के कल्याण की योजनाएं बनाई जाएगी।
कांग्रेस का विजन विभाजनकारी आज वो विजन की बात करते हैं कांग्रेस का विजन समाज का विभाजन रहा है। विभाजनकारी नीतियां रही हैं। समाज को तोड़ने का विजन रहा है लेकिन हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास इसको मूल मंत्र मानकर आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंतरात्मा से धन्यवाद देता हूं। यह जाति की राजनीति नहीं है सुशासन की आधार भूत नींव है। समाज के हर वर्ग को न्याय देने का प्रयास है जो पूरे पारदर्शी तरीके से धरती पर उतारा जाएगा।