नई दिल्ली । शिवसेना के भगवा ध्वज को शुद्धिकरण की जरूरत वाली भारतीय जनता पार्टी भाजपा की टिप्पणी को लेकर पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि भाजपा का भगवा ध्वज से कोई संबंध नहीं है। पार्टी के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा गया है कि शिवसेना का भगवा ध्वज तीन दशकों से बृहन्मुंबई महानगर पालिका बीएमसी में फहरा रहा है और भाजपा ने इसे हटाने की हिम्मत करके दिखाए। सहयोगी से प्रतिद्वंद्वी बने भाजपा और शिवसेना - देश में सबसे अमीर नागरिक निकाय, पर नियंत्रण के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसके लिए 2022 में चुनाव होने हैं। बुधवार को देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा 2022 फरवरी के बाद बीएमसी पर कब्जा कर लेगी। भाजपा नेता आशीष शेलार ने टिप्पणी की कि पिछले नवंबर में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ हिंदुत्व छोड़ने के बाद शिवसेना के भगवा ध्वज को शुद्धिकरण की आवश्यकता है। शुक्रवार को कहा गया कि भाजपा नेताओं ने यह नहीं कहा कि उन्होंने अपनी हालिया जीत के बाद बिहार में भगवा झंडा फहराया। वे शिवसेना के साथ जुड़ने के बाद भगवा ध्वज से जुड़ गए। यह मुंबई नागरिक निकाय पर तब से चल रहा है जब भाजपा शिवसेना के साथ नहीं थी। यह भगवा ध्वज शुद्ध, उज्ज्वल और प्रभावी है। इसमें यह भी कहा गया है कि भले भाजपा ने मराठा योद्धा राजा शिवाजी के वंशजों को अपनी पार्टी में शामिल किया है, लेकिन शिवाजी का भगवा ध्वज अभी भी मराठी लोगों का है।