अरब सागर में सोमालिया के तट के पास एक और जहाज हाईजैक कर लिया गया। इस पर 15 भारतीय क्रू मेंबर्स सवार हैं। मामला 4 जनवरी का है, लेकिन इसकी जानकारी आज सामने आई। लाइबेरिया के फ्लैग वाले इस जहाज का नाम लीला नोर्फोर्क है।
भारतीय नौसेना ने बताया कि जहाज ने ब्रिटेन के मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स (UKMTO) पोर्टल पर एक संदेश भेजा था। इसमें कहा गया था कि 4 जनवरी की शाम को करीब 5-6 लोग हथियारों के साथ जहाज पर उतरे।
नेवी ने कहा- हम मामले पर नजर बनाए हुए है। मर्चेंट वेसल की सुरक्षा के लिए नेवी ने INS चेन्नई को जहाज की तरफ रवाना किया है। मरीन ट्रैफिक के मुताबिक, जहाज ब्राजील के पोर्टो डू एकू से बहरीन के खलीफा बिन सलमान पोर्ट जा रहा था। ये 11 जनवरी को लोकेशन पर पहुंचने वाला था।
INS चेन्नई को लगातार ट्रैक कर रहे नेवल एयरक्राफ्ट
इंडियन नेवी ने कहा- हाईजैक की सूचना मिलते ही एक मैरिटाइम पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट P8I को जहाज की तरफ रवाना किया गया। एयरक्राफ्ट ने तड़के सुबह शिप की लोकेशन पर पहुंचकर क्रू से संपर्क किया है। सभी सुरक्षित हैं। नेवल एयरक्राफ्ट लगातार INS चेन्नई की लोकेशन ट्रैक कर रहे हैं।
वेसल फाइंडर के मुताबिक, जहाज से आखिरी बार 30 दिसंबर को संपर्क किया गया था। जहाज को किसने हाईजैक करने की कोशिश की, इसकी जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है।
14 दिसंबर को समुद्री लुटेरों ने माल्टा का जहाज हाईजैक किया था
अरब और लाल सागर में इन दिनों मर्चेंट वेसल पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इससे पहले 14 दिसंबर को भी समुद्री लुटेरों ने माल्टा के एक जहाज को हाईजैक कर लिया था।
इसके बाद नौसेना ने अपना एक युद्धपोत को अदन की खाड़ी में हाइजैक हुए जहाज MV रुएन की मदद के लिए भेजा था। जहाज को 6 लोगों ने अगवा किया था। भारतीय नौसेना ने माल्टा के जहाज से एक नाविक को रेस्क्यू किया था। यह नाविक गंभीर रूप से जख्मी था।
इसका इलाज शिप पर मुमकिन नहीं था, लिहाजा उसे ओमान भेजा गया था। द मैरीटाइम एग्जीक्यूटिव की रिपोर्ट के मुताबिक हाइजैक हुआ जहाज कोरिया से तुर्किये की तरफ जा रहा था। तभी सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने उस पर हमला कर दिया।
हूतियों ने भारत आ रहे जहाज को हाईजैक किया था
इससे पहले 19 नवंबर को हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से एक कार्गो शिप गैलेक्सी लीडर को हाइजैक कर लिया था। ये जहाज तुर्किये से भारत आ रहा था। हूती विद्रोहियों ने इसे इजराइली जहाज समझ कर हाइजैक किया था। हूतियों ने शिप हाइजैक करने का वीडियो भी शेयर किया था। इस जहाज में 25 भारतीय क्रू मेंबर्स सवार थे।
जहाज हाइजैक होने की जानकारी मिलते ही नेतन्याहू ने इसका आरोप ईरान पर लगाया था। इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ईरान की ओर से अंतरराष्ट्रीय जहाज पर हमला बताया था। उन्होंने कहा था कि यह ईरान की तरफ से की गई आतंकी हरकत है। ये दुनिया पर हमले की कोशिश है। इससे दुनिया की शिपिंग लाइन भी प्रभावित होगी।
1990 के बाद सोमालिया में बढ़े समुद्री लुटेरे
सोमालिया वो मुल्क है, जिसके समुद्र में बड़ी तादाद में मछलियां मौजूद हैं। 1990 तक इसकी अर्थव्यवस्था मछलियों से ही चलती थी। तब यहां समुद्री लुटेरों का कोई डर नहीं था। अधिकतर लोग मछली का व्यापार करते थे। फिर यहां सिविल वॉर शुरू हो गई। सरकार और नौसेना नहीं रही। इसका फायदा विदेशी कंपनियों ने उठाया।
सोमालिया के लोग छोटी नावों में मछली पकड़ते थे। उनके सामने विदेशी कंपनियों के बड़े-बड़े ट्रॉलर आकर खड़े हो गए। लोगों का रोजगार छिनने लगा। इससे परेशान होकर 1990 के बाद इस देश के लोगों ने हथियार उठा लिए और समुद्री लुटेरे बन गए। समुद्री मालवाहक जहाजों का एक बड़ा जखीरा सोमालिया कोस्ट के पास से होकर गुजरता था।
मछुआरे से लुटेरे बने लोगों ने इन जहाजों को निशाना बनाना शुरू किया। जहाज छोड़ने के बदले वो फिरौती लेने लगे। साल 2005 तक ये धंधा इतना बड़ा हो गया कि एक पाइरेट स्टॉक एक्सचेंज बना दिया गया। यानी लुटेरों के अभियान को फंड करने के लिए लोग उनमें इन्वेस्ट कर सकते थे। बदले में लोगों को लूटी हुई रकम का एक बड़ा हिस्सा मिलता।