मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को निकालने के मसले पर दोनों देशों के बीच बातचीत नई दिल्ली में शुक्रवार को शुरू हुई। न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ के मुताबिक- मीटिंग का पहला दौर मालदीव की राजधानी माले में हुआ था। नई दिल्ली में बातचीत का दूसरा दौर है।
इस कवायद का मकसद इस मसले का ऐसा हल तलाशना है, जो दोनों देशों को कबूल हो। भारत के करीब 75 सैनिक मालदीव में मौजूद हैं। ये नॉन मिलिट्री ऑपरेशन्स में वहां की सेना की मदद करते हैं।
बातचीत के लिए कोर ग्रुप
भारतीय सैनिकों की वापसी के मुद्दे को हल करने के लिए दोनों देशों ने कोर ग्रुप बनाया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि दो हफ्ते पहले मालदीव की राजधानी माले में इस मुद्दे पर पहले दौर की बातचीत हुई थी। तब कोई हल नहीं निकला था। लिहाजा अब दिल्ली में दूसरे दौर की बातचीत हो रही है।
सूत्रों ने कहा- दोनों देशों की कोशिश है कि हल ऐसा निकाला जाए जो दोनों पक्षों को कबूल हो। दिसंबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु के बीच दुबई में क्लाइमेट समिट के दौरान बातचीत हुई थी। तब यह तय हुआ था कि मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी का मुद्दा हल करने के लिए कोर ग्रुप बनाया जाएगा।
मुइज्जु ने पिछले साल इलेक्शन कैम्पेन के दौरान मालदीव में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी का मुद्दा उठाया था और इनकी वापसी की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने इंडिया आउट कैम्पेन चलाया था।
मालदीव में 80 भारतीय सैनिक
मालदीव में करीब 80 भारतीय सैनिक हैं। ये दो हेलिकॉप्टर और एक एयरक्राफ्ट का ऑपरेशन संभालते हैं। आमतौर पर इनका इस्तेमाल रेसक्यू या सरकारी कामों में किया जाता है। मुइज्जु नवंबर 2023 में प्रेसिडेंट बने और तब से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव है।
45 साल के मुइज्जु ने चुनाव में भारत समर्थक मोहम्मद सोलिह को हराया था। मुइज्जु अपनी पहली स्टेट विजिट पर चीन गए थे। इसके पहले मालदीव का हर प्रेसिडेंट पहला दौरा भारत का ही करता आया था।
मालदीव से सेना हटाए भारत
पिछले महीने मुइज्जु ने कहा था कि अगर भारत अपनी सेना को नहीं हटाएगा तो यह मालदीव के लोगों की लोकतांत्रिक आजादी का अपमान होगा। यह मालदीव में लोकतंत्र के भविष्य के लिए खतरा होगा। मीडिया हाउस टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति मुइज्जु ने भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई थी।
उन्होंने कहा था कि ये आपसी सम्मान और विश्वास पर आधारित है। मुइज्जू ने भरोसा जताया कि मालदीव से भारत की सैन्य उपस्थिति के मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में बिना संसद की इजाजत के दूसरे देश की सेना की उपस्थिति संविधान के खिलाफ है।
मालदीव के विकास और क्षेत्रीय सुरक्षा में भारत की भूमिका और इंडिया फर्स्ट पॉलिसी पर राष्ट्रपति मुइज्जु ने कहा था- भारत हमारा सबसे करीबी पड़ोसी है। वो हमारे खास दोस्तों में से एक है। दोनों देशों में ऐतिहासिक तौर पर बहुत सी समानताएं रही हैं। ट्रेड, टूरिज्म और कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में हमारे रिश्ते तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। 2023 में भारत से मालदीव में सबसे ज्यादा टूरिस्ट आए।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चीन समर्थक कहे जाने पर मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा था- हम किसी भी देश के समर्थक या उसके विद्रोह में नहीं हैं। मेरी सरकार सिर्फ मालदीव के लोगों के पक्ष में है। जो भी नीतियां मालदीव के लोगों के पक्ष में होगी, हम उन पर अमल करेंगे। हमारा मकसद देश की आर्थिक स्थिति को और बेहतर करना है, जिससे हम हिंद महासागर में शांति और स्थिरता बनाए रखने में बेहतर भूमिका निभा सकें।