नई दिल्ली । एक ताजा अध्ययन के मुताबिक ब्रिटेन में पांच में से चार विवाहित जोड़ों ने माना कि लॉकडाउन के दूसरे चरण में उनका रिश्ता बेहद मजबूत हुआ है, तो वहीं 10 फीसदी जोड़ों ने इस पीरियड को रिश्ते के लिए खराब बताया। हालांकि इससे पहले लॉकडाउन के कारण कईयों के बीच तलाक की भी नौबत आ गई थी। यह अध्ययन मैरिज फाउंडेशन ने किया है। एसेक्स यूनिवर्सिटी द्वारा ब्रिटेन के घरेलू सर्वेक्षण कोरोनावायरस अध्ययन को पूरा करने वाले 2,559 अभिभावकों की प्रतिक्रियाओं का इस्तेमाल करते हुए पाया कि अभिभावक जून में तलाक पर विचार कर रहे थे जिनका आंकड़ा लॉकडाउन से पहले कम था। दरअसल, सिर्फ 0.7 फीसदी पिता और 2.2 फीसदी माताओं ने कहा कि वे छोड़ने पर विचार कर रहे थे।यह पाया गया है कि अधिकांश यूनियनों में सुधार कपल के मुकाबले कम है क्योंकि कपल क्वालिटी टाइम को अच्छे से बिता रहे थे। वेलनेस ब्रांड सीबीआईआई के एक शोध के अनुसार लॉकडाउन-2 में इन जोड़ों में कामेच्छा का नुकसान कम हुआ है। अन्य कारणों में लॉकडाउन के दौरान में संभोग, नींद और टीवी देखने में कमी को माना गया है।
दरअसल, 63 फीसदी प्रतिभागी देर रात तक मोबाइल में बिजी रहे। लेकिन इनमें से कुछ संभोग क्रिया में भी व्यस्त रहे। वहीं समूह में चार में से एक जो या तो किसी रिलेशनशिप में थे। एक शादीशुदा जोड़े ने कहा कि वे केवल महीने में दो बार सेक्स करने का मूड बना पाते थे।मैरिज फाउंडेशन के संस्थापक सर पॉल कोलेरिज ने कहा, 'कोविड-19 ने विवाहित लोगों के बीच कई विरोधाभासों को जन्म दिया जिसके कारण उनके बीच तलाक जैसी बड़ी समस्या उभरकर सामने आई, लेकिन कई शादीशुदा जोड़ों ने लॉकडाउन पीरियड को बहुत खूबसूरती से जिया है।'