थाइलैंड में संसद ने पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा को प्रधानमंत्री पद के लिए चुन लिया है। वह पूर्व प्रधानमंत्री थाक्सिन शिनवात्राकी बेटी है। 37 वर्षीय पाइतोंग्तार्न देश की 31वीं प्रधानमंत्री बनी हैं। वे थाईलैंड के इतिहास की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री भी हैं, साथ ही वे इस पद पर पहुंचने वाली देश की दूसरी महिला हैं।
यिंगलुक थाईलैंड की प्रधानमंत्री बनने वाली देश की पहली महिला थीं। वह पाइतोंग्तार्न की बुआ हैं। पाइतोंग्तार्न, शिनवात्रा फैमिली से प्रधानमंत्री बनने वाली तीसरी नेता हैं। थाक्सिन के जीजा सोमचाई वोंगसावत भी 2008 में थाईलैंड के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
थाक्सिन 2001 में थाइलैंड के पीएम बने थे। थाक्सिन शिनवात्रा को तख्तापलट के जरिए सत्ता से बाहर किया गया था। पाइतोंग्तार्न सत्ताधारी पार्टी ‘फु थाई’ की नेता है। हालांकि पाइतोंग्तार्न अभी सांसद नहीं हैं।
चुनाव में दूसरे नंबर पर रही पार्टी, सबसे बड़ी पार्टी बर्खास्त
संसद में शिनावत्रा के पक्ष में 319 वोट पड़े वहीं, उनके विरोध में 145 वोट पड़े। 27 सांसदों ने वोट नहीं डाला। सदन में 493 सांसद हैं। पाइतोंग्तार्न को बहुमत हासिल करने के लिए 248 मतों की जरूरत थी। शुक्रवार को सदन में 489 सांसद मौजूद थे।
पाइतोंग्तार्न शिनावत्रा 2023 से फू थाई पार्टी की अध्यक्ष हैं। वे अप्रैल 2023 में हुए चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार भी रही थी। उनके नेतृत्व में पार्टी चुनाव में दूसरे स्थान पर रही।
इससे पहले पिछले हफ्ते संवैधानिक कोर्ट ने मुख्य विपक्षी मूव फॉरवर्ड पार्टी को बर्खास्त कर दिया था। साथ ही इसके सभी नेताओं पर 10 साल तक के लिए बैन लगा दिया था। मूव फॉरवर्ड पार्टी ने पिछले साल हुए चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती थीं।
थाकसिन को सेना ने, यिंगलुक को कोर्ट ने हटाया
पाइतोंग्तार्न के पिता पूर्व प्रधानमंत्री थाक्सिन शिनावात्रा को 2006 में सेना ने तख्तापलट कर सत्ता से बाहर कर दिया था। उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे। अदालत के फैसले के बाद वो निर्वासन में चले गए। उन्होंने देश छोड़ दिया। इसके बाद थाकसिन ने अपनी बहन यिंगलुक को आगे बढ़ाया। वे 2011 में प्रधानमंत्री बनीं।
थाक्सिन पर आरोप लगा कि वे अपनी बहन के सहारे देश के बाहर रहकर सरकार चला रहे हैं। वे विदेश में मंत्रियों से मिलते हैं। सिंगापुर में मंत्रियों से ऐसी एक मुलाकात की रिकॉर्डिंग सामने आई थी।
इसमें थाक्सिन को एक एमनेस्टी बिल के बारे में निर्देश देते बताया गया था। अगर ये बिल पास हो जाता तो थाक्सिन दोष मुक्त हो जाते और वे आसानी से देश लौट पाते। रिकॉर्डिंग के वायरल होने के बाद थाईलैंड की राजनीति में खूब हंगामा हुआ था। यिंगलुक को 2014 में कोर्ट ने पद से हटा दिया था। यिंगलुक के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
2 दिन पहले कोर्ट ने PM को हटाया था
थाइलैंड में 2 दिन पहले ही श्रेथा थाविसिन को कोर्ट ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था। उन पर कैबिनेट में एक क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले वकील को शामिल करने का आरोप था। कोर्ट ने इस कदम को नैतिकता का उल्लंघन बताते हुए पीएम को दोषी करार दिया था। प्रधानमंत्री श्रेथा सिर्फ ही एक साल सत्ता में रह पाए। वे 22 अगस्त 2023 को थाईलैंड के प्रधानमंत्री बने थे।