नई दिल्ली। हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली की आबो हवा को प्रदूषित करने वाले पंजाब और हरियाणा में बेरोक टोक पराली जलाई गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, प्राप्त आंकड़े पिछले साल की तुलना में 46.5 फीसद अधिक हैं। वहीं हरियाणा के खेतों में पराली जलाने की घटना इस साल 28.6 फीसद कम हो गई है। गौरतलब है कि हर साल ठंड की शुरुआत के साथ पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने का काम शुरू हो जाता है जिससे दिल्ली में प्रदूषण फैलता है।
जारी किए गए आंकड़ों प्रदूषण वॉचडॉग सीपीसीबी ने बताया कि 2020 में कुल पराली जलाए जाने के मामलों का आंकड़ा 76,537 रहा जो पिछले साल यानि 2019 में 52,225 था। इस साल 22 सितंबर से 17 नवंबर के बीच सिर्फ पंजाब में ही पराली जलाए जाने के 74,236 मामले रिकॉर्ड किए गए। इससे यह स्पष्ट है कि 2016 के बाद से ये आंकड़े सबसे अधिक है। खरीफ फसलों के मौसम में 2016 में पंजाब में आग की 80,879 घटनाएं हुई, जो 2017 में 43,660, 2018 में 49,905 और 2019 में 51,946 था। आंकड़ों के अनुसार, पंजाब के संगरूर, बठिंडा और फिरोजपुर में सबसे ज्यादा पराली जलाई गई। पिछले वर्ष की तुलना में क्रमश: 45.7 फीसदी, 35 फीसदी और 40.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं मोगा, अमृतसर, फाजिल्का, लुधियाना में 2019 की तुलना में पराली जलाने के मामलों में 75 फीसद से अधिक की वृद्धि हुई। हरियाणा में इस साल पराली जलाने की 4,675 हुई।