लोक निर्माण विभाग ने दिया प्रतिवेदन, कहा- सतपुड़ा भवन के सीढ़ियों और बरामदे में रखे कबाड़ को हटाएं
Updated on
20-06-2023 06:05 PM
भोपाल । सतपुड़ा भवन में लगी आग की जांच के बाद लोक निर्माण विभाग ने प्रतिवेदन दे दिया है। इसमें भवन को उपयोग के लिए सुरक्षित बताया है। साथ ही अनुशंसा की है कि नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के अनुसार अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो। भवन में सीढ़ियों और बरामदे में रखे फर्नीचर, पुरानी फाइलों के बस्ते सहित अन्य सामग्री को हटाया जाए। उधर, सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्य सुरक्षा अधिकारी को भवन के खंड क और ख के कार्यालय प्रारंभ करने की अनुमति दी।
विभाग ने प्रतिवेदन में बताया कि सतपुड़ा भवन का खंड क्रमांक क और ख में आग से कोई क्षति नहीं हुई। विद्युत व्यवस्था ठीक है और सब स्टेशन से अलग लाइन की व्यवस्था है। खंड ग और घ की विद्युत व्यवस्था भी शीघ्र बहाल हो जाएगी।
मुख्य अभियंता विद्युत सुरक्षा से लिफ्ट और विद्युत स्थापना का निरीक्षण कराकर आपर्ति प्रारंभ कर भवन का उपयोग किया जा सकता है। विभाग ने बरामदे और सीढ़ियों के प्रवेश के स्थापन पर फर्नीचर और पुरानी फाइलों के बस्तों का हटाने के लिए कहा है।
कांग्रेस बोली- सरकार बनने पर फायर सेफ्टी एक्ट करेंगे लागू
उधर, प्रदेश कांग्रेस ने सरकार बनने पर फायर सेफ्टी एक्ट लागू करने का वचन दिया है। वचन पत्र समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह ने सोमवार को पत्रकारवार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने 2019 में मैंटेनेंस आफ ए फायर एंड इमरजेंसी सर्विस फार दर स्टेट माडल बिल भेजा था पर प्रदेश सरकार ने ध्यान ही नहीं दिया। दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए पब्लिक रिकार्ड एक्ट भी लागू नहीं किया। इसे भी लागू किया जाएगा। विभागाध्यक्ष कार्यालय के साथ अन्य व्यवस्था भी रहेगी।
उन्होंने सतपुड़ा भवन में लगी आग को आपराधिक लापरवाही बताते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर निश्चित रूप से जांच होगी। जिस भवन में आग लगी, वहां कई महत्वपूर्ण दस्तावेज थे जो जलकर नष्ट हो गए।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के समन्वयक अभय दुबे ने कहा कि नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 28 मार्च को ही अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कलेक्टर, नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि माकडि्ल कर ली जाए पर किसी ने नहीं की। अग्निशमन मुख्यालय आधा किलोमीटर की दूरी पर होने के बाद भी आग पर काबू पाने में 24 घंटे लग गए, जो यह बताता है कि 18 वर्ष की भाजपा सरकार ने क्या काम किया है।
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