राजधानी भोपाल की 1283 लोकेशन पर एवरेज 18% तक कलेक्टर गाइडलाइन दरें बढ़ाने का प्रस्ताव है। 19 मार्च की शाम तक दावे-आपत्ति लिए जाएंगे और 1 अप्रैल से प्रॉपर्टी की नई गाइडलाइन लागू हो जाएगी। इससे पहले विरोध भी शुरू हो गया है। क्रेडाई सदस्यों का कहना है कि बिना मास्टर प्लान के लैंड यूज में बदलाव हो रहा है। वहीं, सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि सारे जनप्रतिनिधियों की मीटिंग हो।
सांसद शर्मा नवंबर-24 में भी साल की दूसरी (संशोधित) गाइडलाइन का विरोध कर चुके हैं। तब कई लोकेशन ऐसी थी, जहां 200% तक वृद्धि प्रस्तावित थी। इस पर वे डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा से भी मिले थे। इसके बाद भोपाल की गाइडलाइन होल्ड कर दी गई थी। अब फिर से नई गाइडलाइन प्रस्तावित की गई है। जिसका विरोध भी होने लगा है।
सांसद शर्मा ने कहा कि वाकई में कई लोकेशन के जरूरत के हिसाब से रेट बढ़ाने के प्रस्ताव है। ऐसा रास्ता निकालना चाहिए, जिससे आम लोगों को राहत मिले और सरकार को भी राजस्व का नुकसान न हो। इसे लेकर मंत्री, सांसद, विधायक, महापौर, निगम अध्यक्ष, जिपं अध्यक्ष समेत अन्य जनप्रतिनिधियों की बैठक होना चाहिए। इसमें चर्चा के बाद ही गाइडलाइन लागू हो।
3 साल के लिए स्टेबल हो गाइडलाइन-मीक क्रेडाई (कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष मनोज मीक ने कहा कि, भोपाल में प्रॉपर्टी के लैंड यूज पिछले 20 साल से यथावत रखे गए हैं। लेकिन गाइडलाइन दर और संपत्ति के मूल्यांकन में हर साल बदलाव हो रहा है। प्रॉपर्टी की वास्तविक कीमत जानने की कोई वैज्ञानिक विधि निर्धारित नहीं है। गाइडलाइन दरों में बदलाव के उल्लेखित सिद्धांतों में कई बिंदू सिर्फ अनुमान पर आधारित हैं। अनियोजित राजधानी में प्रस्तावित इन्फ्रास्ट्रक्चर की घोषणा से जमीनों की कीमतों में अवांछनीय बढ़ोतरी हो रही है।
उन्होंने बताया, पिछले एक दशक में इंदौर के मुकाबले भोपाल में सर्किल रेट में कई गुना वृद्धि पहले ही हो चुकी है। जिससे संपत्ति बाजार अस्थिर हो गया है। इसका परिणाम यह हुआ कि भोपाल में निवेश में कमी आई है और संपत्तियों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए घर खरीदना एक बड़ी चुनौती बन गया है। सर्किल रेट बढ़ाने से प्रापर्टी टैक्स में सीधी वृद्धि होती है। जिससे आमजन बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
हमारी मांग है कि राज्य सरकार गाइडलाइन रेट प्री-कोविड ईयर के स्तर पर लाए। यह कदम जनहित में होगा। तीन वर्ष के स्टेबल लॉक-इन पीरियड की मांग है। नई प्रस्तावित गाइडलाइन को लेकर आपत्ति दर्ज करा रहे हैं। हालांकि, अब तक पूरी गाइडलाइन अपलोड ही नहीं की गई है।
इस बार इतनी प्रस्तावित की गई गाइडलाइन इस बार शहर की 1283 लोकेशन पर गाइडलाइन दरें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। औसत 18% की बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है, जो तीन साल में सबसे ज्यादा है। करीब 100 लोकेशन पर रेट दोगुने या उससे ज्यादा बढ़ गए हैं। लोग आपत्ति और सुझाव देने के लिए 19 मार्च की शाम 5 बजे तक कलेक्टर कार्यालय, वरिष्ठ जिला पंजीयक कार्यालय परी बाजार और आईएसबीटी कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं।