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गाजा में पहली बार हमास का विरोध:जंग से ऊब सड़कों पर उतरे हजारों फिलिस्तीनी, हमास को उखाड़ फेंकने के नारे लगाए

Updated on 26-03-2025 04:42 PM

गाजा में पहली बार हमास के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। मंगलवार को 3 जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। लोगों ने हमास को आतंकी संगठन कहा और सत्ता छोड़ने की मांग की।

दरअसल, यहां के लोग इजराइल-हमास जंग से परेशान हो चुके हैं। सड़कों पर उतरे लोगों ने ‘हमास बाहर जाओ, हमास आतंकी हैं’, ‘हम हमास को उखाड़ फेंकना चाहते हैं’ के नारे लगाए। ‘जंग खत्म करो’ और ‘फिलिस्तीन में बच्चे जीना चाहते हैं’, लिखे पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। हमास के हथियारबंद लड़ाकों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ मार-पीट भी की और उन्हें अलग-थलग करने की कोशिश की। इन प्रदर्शनों के सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं।

टेलीग्राम पर मिला था विरोध में शामिल होने का मैसेज

प्रदर्शनकारियों ने कतर की सरकार से फंडेड एक न्यूज चैनल को भी निशाने पर लिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमास के विरोधियों ने टेलीग्राम पर प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की थी, जिसके बाद लोग लामबंद हुए।

मोहम्मद नाम के एक व्यक्ति ने न्यूज एजेंसी AFP को बताया, "मुझे नहीं पता कि प्रोटेस्ट का आयोजन किसने किया। मैंने बस इसमें इसलिए हिस्सा लिया क्योंकि मैं जंग से थक चुका हूं।" मोहम्मद ने पहचान होने के डर से अपना आखिरी नाम नहीं बताया।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'लोग मीडिया से इन घटनाओं को कवर करने की मांग कर रहे हैं। लोग आजादी की मांग कर रहे हैं, वे गाजा के खिलाफ दुश्मनी को रोकने की मांग कर रहे हैं। वे शांति और इस जंग को खत्म करने की मांग रहे हैं।'

हमास के समर्थकों ने इन प्रदर्शनों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इनमें हिस्सा लेने वाले 'गद्दार' हैं।

4 वजहों से जंग नहीं चाहते गाजावासी

बड़े पैमाने पर तबाही: गाजा में 1.75 लाख बिल्डिंग्स यानी कि 72% से ज्यादा इमारतें नष्ट हो चुकी हैं। घर, स्कूल, अस्पताल, और बाजार खंडहर बन गए हैं। लोग बेघर हो गए हैं और उनके पास रहने की कोई सुरक्षित जगह नहीं बची है।

पलायन: गाजा में लगभग पूरी आबादी (20 लाख से ज्यादा लोग) को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा। सीजफायर के बाद वे घर लौटे। लेकिन इजराइल ने एक बार फिर से हमला शुरू कर दिया है। लोग अब गाजा छोड़कर जाना नहीं चाहते।

भुखमरी और बुनियादी चीजों का अभाव: गाजा में लोग अस्थायी तंबुओं या खंडहरों में रहने को मजबूर हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं जैसे पानी, बिजली, और शौचालय तक नहीं हैं। इजराइल की नाकाबंदी की वजह से मानवीय सहायता (खाना, दवाइयां, ईंधन) गाजा में नहीं पहुंच पा रही। दुकानें बंद हो गई हैं, खाने की कीमतें आसमान छू रही हैं, और लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं।

बच्चों और परिवारों पर असर: मरने वालों में आधे से ज्यादा बच्चे और महिलाएं हैं। कई बच्चे अनाथ हो गए, और जंग की वजह से उनमें मानसिक समस्याएं जैसे हकलाना या बोलने में दिक्कत शुरू हो गई हैं। परिवार अपने बच्चों को बचा नहीं पा रहे, जिससे दुख और लाचारी बढ़ रही है।


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