कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को गाजा में जंग के लिए इजराइली सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने वैश्विक समुदाय से अपील की है कि वे गाजा में इजराइल के नरसंहार के खिलाफ आवाज उठाएं और उन पर सीजफायर के लिए दबाव बनाएं।
सोशल मीडिया पर पोस्ट कर प्रियंका ने कहा, "ये दुनिया के हर नागरिक और सरकार की जिम्मेदारी है कि वे इजराइल के हमले की निंदा करें। उनकी हरकतें एक सभ्य दुनिया में स्वीकार नहीं की जा सकती हैं। गाजा में नरसंहार हो रहा है। महिलाओं, मासूम बच्चों, डॉक्टरों, टीचरों और पत्रकारों की आवाज को दबा दिया गया है।"
नेतन्याहू पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "इजराइली PM ने अमेरिकी संसद में बताया कि यह सभ्यता और बर्बरता की बीच की लड़ाई है। वे बिल्कुल सही थे। इजराइल की सरकार और नेतन्याहू बर्बरता फैला रहे हैं और उन्हें पश्चिमी दुनिया समर्थन कर रही है। यह सब होते देखना शर्म की बात है।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने की थी इजराइल के हमले की निंदा
प्रियंका गांधी का यह बयान बुधवार (24 जुलाई) को अमेरिकी संसद में इजराइल PM बेंजामिन नेतन्याहू के भाषण के बाद आया है। इससे पहले पिछले साल 7 अक्टूबर में भी कांग्रेस पार्टी ने वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के दौरान इजराइल पर हमास के हमले में फिलिस्तीन का समर्थन किया था।
कांग्रेस ने CWC बैठक के बाद एक प्रस्ताव पास कर कहा था कि मिडिल ईस्ट में हो रहे युद्ध में हजारों लोग मारे गए हैं, हमें इसका दुख है। CWC फिलिस्तीनी लोगों के जमीनी हक, स्वशासन, आत्मसम्मान और गरिमा से जीने के अधिकारों के लिए समर्थन को दोहराती है।
नेतन्याहू ने कहा था- हमास राक्षस है, उसने बच्चों को जिंदा जलाया
वहीं 24 जुलाई को अमेरिकी संसद में अपने चौथे संबोधन के दौरान नेतन्याहू ने कहा था, "7 अक्टूबर को इजराइल पर हुआ हमला अमेरिका पर 9/11 के हमले के बराबर था। उन राक्षसों ने महिलाओं का रेप किया, पुरुषों के सिर काट दिए और बच्चों को जिंदा जला दिया। परिजनों की आंखों के सामने उनके अपनों को मार दिया गया। हमास 255 लोगों को घसीटकर गाजा के अंधेरे कैदखानों में ले गया।"
नेतन्याहू ने कहा था कि इजराइल की जंग बर्बरता और सभ्यता के बीच की लड़ाई है। यहां एक तरफ ऐसे लोग हैं जो मृत्यु को पूजते हैं और दूसरी तरफ जो जीवन को पवित्र मानते हैं। सभ्यता की इस लड़ाई में अमेरिका और इजराइल को साथ खड़े रहने की जरूरत है।
अमेरिका में जलाए गए थे नेतन्याहू के पुतले
जंग शुरू होने के बाद से नेतन्याहू का यह पहला विदेश दौरा था। उनके भाषण से पहले अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए थे। फिलिस्तीन-समर्थक प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका की तरफ से इजराइल को दी जा रही सैन्य मदद बंद करने और नेतन्याहू को गिरफ्तार करने की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि नेतन्याहू एक वॉर क्रिमिनल हैं, जो फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ नरसंहार कर रहे हैं। यह बेहद शर्म की बात है कि अमेरिका की दोनों पार्टियों के नेताओं ने उन्हें संसद को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया। उन्हें गिरफ्तार कर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट भेजा जाना चाहिए।