पीएम मोदी ने 'भाई' के लिए ब्रिक्स में उठाया ऐसा कदम, खुश हो गया यह मुस्लिम देश, बोला- थैंक्यू इंडिया
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25-08-2023 01:36 PM
जोहानिसबर्ग/दुबई: दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 6 नए देशों को इस संगठन में शामिल करने पर सहमति बन गई है। भारत ने ब्रिक्स के विस्तार का पूरा नेतृत्व किया और चीन की अपने समर्थक देशों को शामिल कराने की चाल को विफल कर दिया। भारत ने नए सदस्यों की संख्या और उनके मानदंड तय करने में अहम भूमिका निभाई। इसका नतीजा हुआ कि मिस्र, यूएई, आर्जेंटीना, ईरान, सऊदी अरब और इथोपिया को ब्रिक्स में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। भारत की अहम भूमिका पर संयुक्त अरब अमीरात या यूएई खुश हो गया है। यूएई समेत सभी देशों ने भारत के भूमिका जमकर तारीफ की है।
यही नहीं ब्रिक्स के विस्तार के ऐलान के ठीक पहले पीएम मोदी ने यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान से बात की और उन्हें चंद्रयान-3 की सफलता पर शुभकामनाएं देने के लिए धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में यूएई के राष्ट्रपति को अपना 'भाई' करार दिया। यही नहीं यूएई के भारत में राजदूत अब्दुलनासेर अलशाली ने वियान से बातचीत में कहा, 'यूएई और भारत के रिश्तों के लिए यह एक मौका है ताकि रणनीतिक सहयोग और आर्थिक भागीदारी को विस्तृत और मजबूत किया जा सके।'
ब्रिक्स में यूएई की सदस्यता महत्वपूर्ण मील का पत्थर
यूएई के राजदूत ने ब्रिक्स में यूएई के शामिल होने लंबी अवधि में पड़ने वाले असर को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स में यूएई की सदस्यता एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। बताया जा रहा है कि इस विस्तार के दौरान जहां चीन ने सऊदी अरब और ईरान को लेकर ज्यादा जोर दिया था, वहीं भारत ने अरब देशों में इनके साथ-साथ यूएई को शामिल करने बल दिया था। यूएई और भारत के बीच रिश्ते बहुत मजबूत हो गए हैं। पीएम मोदी अब तक गई बार यूएई की यात्रा पर जा चुके हैं। यूएई में 3,860,000 भारतीय काम करते हैं। दोनों के बीच व्यापार आसमान छू रहा है।
भारत की इस भूमिका की एक और मुस्लिम देश मिस्र ने जमकर तारीफ की है। मिस्र के राजदूत ने कहा कि हम भारत और ब्रिक्स के सभी देशों के आत्मविश्वास की तारीफ करते हैं जिनके साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं। उन्होंने मिस्र को शामिल करके स्पष्ट संदेश दिया है। इससे पहले ब्रिक्स देशों के नेताओं ने गुरुवार को अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को समूह के नए पूर्णकालिक सदस्यों के रूप में शामिल करने का फैसला किया, जिससे एक लंबी प्रक्रिया पर मुहर लग गई। इस फैसले की घोषणा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा के साथ एक संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग में की।
नए सदस्यों पर क्या बोले ब्रिक्स देश ?
ब्रिक्स को मोटे तौर पर पश्चिमी शक्तियों के जी7 ग्रुप के जवाब के रूप में देखा जाता है। रामफोसा ने घोषणा की कि नए सदस्य एक जनवरी, 2024 से ब्रिक्स का हिस्सा बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि विस्तार प्रक्रिया के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानदंडों और प्रक्रियाओं को मजबूत करने के बाद नए सदस्यों के बारे में निर्णय पर सहमति बनी। रामफोसा ने जोहानिसबर्ग में समूह के शिखर सम्मेलन के अंत में कहा, ''ब्रिक्स विस्तार प्रक्रिया के पहले चरण पर हमारी आम सहमति है।'' उन्होंने कहा, ''हमने अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करने का फैसला किया है।''
छह देशों के प्रवेश के साथ, समूह में सदस्यों की कुल संख्या मौजूदा पांच से 11 तक पहुंच रही है। रामफोसा ने कहा, ''हम ब्रिक्स के साथ साझेदारी बनाने में अन्य देशों के हितों को महत्व देते हैं और हमने अपने विदेश मंत्रियों को ब्रिक्स साझेदारी मॉडल तथा संभावित देशों (जो समूह में शामिल होना चाहते हैं) की सूची विकसित करने का काम सौंपा है।'' लगभग 40 देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने में रुचि दिखाई थी, जिनमें से 23 ने औपचारिक रूप से सदस्यता के लिए आवेदन किया था। इससे पहले पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि नए सदस्यों के चुनाव में भारत ने अहम भूमिका निभाई है।
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