प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कतर विजिट के बाद भारत के लिए रवाना हो गए हैं। मोदी बुधवार को कतर पहुंचे थे। यहां उनका सेरेमोनियल वेलकम हुआ। इसके बाद उन्होंने कतर के अमीर यानी शासक शेख तमीम बिन हमाद अल थानी से मुलाकात की।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने अमीर को 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई के लिए शुक्रिया कहा। उन्हें भारत आने का भी न्योता दिया।
दोनों नेताओं ने स्पेस, टेक्नोलॉजी में सहाभागिता बढ़ाने पर चर्चा की। गुरुवार को अल थानी ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए लंच का भी आयोजन किया। भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और कतर के बीच व्यापार बढ़कर 20 अरब डॉलर यानी 1.66 लाख करोड़ के पार पहुंच चुका है
भारतीयों से मिले मोदी
इससे पहले UAE के दो दिन के दौरे के बाद PM मोदी बुधवार (14 फरवरी) की रात कतर की राजधानी दोहा पहुंचे थे। यहां एयरपोर्ट पर कतर के विदेश मंत्री सुल्तान बिन साद अल-मुरैखी ने PM मोदी का स्वागत किया। इसके बाद वो होटल पहुंचे। यहां उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। लोगों ने इस दौरान 'मोदी-मोदी' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए।
कतर के PM से बातचीत की
एयरपोर्ट से निकलने के बाद PM मोदी ने कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी के साथ बैठक की थी। इस दौरान भारत-कतर के बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा और वित्त क्षेत्रों में विस्तार पर चर्चा की थी। दोनों ने साथ डिनर किया था।
दूसरी बार कतर पहुंचे मोदी
प्रधानमंत्री की यह कतर की दूसरी यात्रा है। इसके पहले वो 2016 में दोहा पहुंचे थे। दोनों देशों के बीच इस वक्त करीब 20 अरब डॉलर का कारोबार होता है। कतर में करीब 8 लाख भारतीय रहते हैं और वो यहां के विकास में अहम रोल अदा कर रहे हैं।
कतर ने रिहा किए 8 पूर्व नौसैनिक
कतर ने हाल ही में भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को जेल से रिहा किया था। इन्हें कथित तौर पर जासूसी के आरोप में सजा-ए-मौत सुनाई गई थी। बाद में यह सजा कैद में तब्दील कर दी गई थी।12 फरवरी को विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था- कतर में भारत के पूर्व सैनिकों के मामले पर प्रधानमंत्री खुद भी नजर रख रहे थे। हम कतर की तरफ से उठाए गए कदम के लिए उनके शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने हमारे पूर्व सैनिकों को रिहा कर दिया है।
12 फरवरी को भारत पहुंचे पूर्व नौसैनिक
कतर ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया था। इनमें से 7 पूर्व नौसैनिक 12 फरवरी को सुबह भारत लौट आए। कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने 30 अगस्त 2022 को इन 8 पूर्व नौसैनिकों को गिरफ्तार किया था।
ये सभी अफसर कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम करते थे। दहरा ग्लोबल डिफेंस सर्विस प्रोवाइड करती है। ओमान एयरफोर्स के रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमिस अल अजमी इसके प्रमुख हैं। उन्हें भी 8 भारतीय नागरिकों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नवंबर में उन्हें छोड़ दिया गया।
गिरफ्तारी से करीब 14 महीने बाद, 26 अक्टूबर 2023 को इन सभी पूर्व नेवी अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई थी। 28 दिसंबर 2023 को इनकी मौत की सजा कैद में बदली गई थी।
रिहाई से जुड़ा एक पहलू यह भी...
BBC के मुताबिक ये रिहाई ऐसे समय हुई है जब भारत और कतर के बीच गैस को लेकर एक अहम समझौता हुआ है। 6 फरवरी को हुए इस समझौते के तहत भारत कतर से साल 2048 तक लिक्विफाइड नैचुरल गैस (LNG) खरीदेगा।
यह समझौता अगले 20 सालों के लिए हुआ है और इसकी कुल लागत 78 अरब डॉलर की है। भारत की सबसे बड़ी LNG आयात करने वाली कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (PLL) ने कतर की सरकारी कंपनी कतर एनर्जी के साथ ये समझौता किया है। इस समझौते के तहत कतर हर साल भारत को 7.5 मिलियन टन गैस एक्सपोर्ट करेगा। इस गैस का इस्तेमाल बिजली, फर्टिलाइजर बनाने और इसे CNG में बदलने के लिए किया जाता है।