पाकिस्तान में 16 दिन बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में फिर से बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार को पेट्रोल के दाम 4.53 रुपए की बढ़ोतरी के बाद 293.94 पाकिस्तानी रुपए (भारतीय करेंसी में 87.91 रुपए) हो गए।
वहीं हाई-स्पीड डीजल 8.14 रुपए बढ़कर 290.38 पाकिस्तानी रुपए हो गया। इसके अलावा केरोसिन ऑयल की कीमत में भी 6.69 रुपए की बढ़ोतरी हुई। इसका रेट अब 193.8 रुपए प्रति लीटर हो गया है।
पाकिस्तानी मीडिया 'जियो टीवी' के मुताबिक, सरकार ने कहा है कि देश में पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने की वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम में बढ़ोतरी है। दरअसल, ईरान-इजराइल के बीच टकराव की वजह से वैश्विक स्तर पर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ गए हैं।
पाकिस्तान में हर 15 दिन में होती है फ्यूल की रेट की समीक्षा
पाकिस्तान सरकार हर 15 दिनों में ईंधन की कीमतों की समीक्षा करती है। इस दौरान वैश्विक तेल की कीमतों के उतार-चढ़ाव और स्थानीय मुद्रा के एक्सचेंज रेट के आधार पर उन्हें बढ़ाती या घटाती है। इससे पहले 1 अप्रैल को पेट्रोल की कीमत में 9 रुपए बढ़ा दिए गए थे। तब इसकी वजह टैक्स की चोरी को बताया गया था।
इसके बाद अप्रैल महीने में पेट्रोल की कीमत में कुल 13 रुपए की बढ़ोतरी हुई। इससे पहले 16 मार्च को सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं किए थे। प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 279.75 रुपए और एक लीटर डीजल की कीमत 285.56 रुपए थी।
मिडिल क्लास पर असर पड़ेगा
पेट्रोल का ज्यादातर इस्तेमाल प्राइवेट ट्रांसपोर्ट, छोटे वाहनों के लिए किया जाता है। इसकी वजह से दाम बढ़ने का सीधा असर पाकिस्तान के मिडिल क्लास और लोअर क्लास लोगों की जेब पर पड़ेगा।
वहीं, डीजल का यूज ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जैसे ट्रेन, ट्रक, बस में होता है। डीजल के दाम में बढ़ोतरी की वजह से ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ सकती है, जिसका असर दूसरे सामानों की कीमतों पर भी पड़ेगा। इसका खामियाजा भी मिडिल और लोअर क्लास को उठाना पड़ेगा।
प्रति लीटर पेट्रोल 60 रुपए टैक्स ले रही सरकार
सरकार पेट्रोल-डीजल पर प्रति लीटर 60 रुपए टैक्स ले रही है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ हुई डील के तहत, सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 869 अरब रुपए का टैक्स जमा करने का लक्ष्य रखा है। पहली छमाही (जुलाई-दिसंबर) में लगभग 475 अरब रुपए जमा हो गए हैं और वित्तीय वर्ष के अंत तक लगभग 970 अरब रुपए जमा होने की उम्मीद है।
पाकिस्तान की तंगहाली...
देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 8 बिलियन डॉलर है, जो करीब डेढ़ महीने तक के सामानों के आयात जितना है। देश के पास कम से कम 3 महीने के सामान के आयात जितना पैसा होना चाहिए।
2024 में पाकिस्तान की GDP महज 2.1% की दर से बढ़ने की संभावना है। फिलहाल एक डॉलर की कीमत 276 पाकिस्तानी रुपए के बराबर है।
प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति सैलरी नहीं लेंगे
देश की आर्थिक हालातों को देखते हुए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी समेत कैबिनेट मंत्रियों ने इस कार्यकाल की सैलरी छोड़ने का फैसला किया है।
13 मार्च को जरदारी की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने अपने X अकाउंट पर लिखा था- राष्ट्रपति जरदारी देश की मदद करने के लिए अपने कार्यकाल में कोई सैलरी नहीं लेंगे। उन्होंने फाइनेंशियल मैनेजमेंट और राष्ट्रीय राजस्व पर बोझ नहीं डालने का फैसला किया है।
इमरान सरकार गिरने के बाद 30 रुपए गिरा था पाकिस्तानी रुपया
2022 में इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। पाकिस्तान में राजनीतिक उठा पटक की स्थिति थी। इसके चलते महज 4 महीनों में डॉलर की तुलना में पाकिस्तानी करेंसी में 30 रुपए की भारी गिरावट हुई थी।
जनवरी 2022 में 1 डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए की वैल्यू 174 थी, जो मई तक बढ़कर 204 हो गई। इससे साफ है कि अब अगर फिर से पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता आई तो इसका असर वहां की करेंसी पर होगा।