श्रीनगर । किसान आंदोलन को लेकर जम्मू-कश्मीर की पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसा है। केंद्र के इन तीन कृषि बिलों पर किसान आंदोलनरत हैं। अब तक चार दौर की वार्ता हो चुकी है और पांचवें दौर की वार्ता के लिए 5 दिसंबर की तारीख नियत की गई है। किसान इस बात पर अड़े हुए हैं कि हर हाल में तीनों कानून वापस लिए जाएं। किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी को अन्य राज्यों से जोड़ने वाले रास्तों पर आंदोलन जारी रखा है। इस बीच जम्मू-कश्मीर (अविभाजित) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 'किसानों के आंदोलन ने भारत सरकार को घुटने पर ला दिया।' मुफ्ती ने लिखा- 'किसानों के विरोध प्रदर्शन ने भारत सरकार को घुटनों पर ला दिया। भाजपा लोगों की ताकत से डर गई है और इस कारण से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से ही राज्य में दमन जारी है। असहमति पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध ना करने की अनुमति ना देना सभी मोर्चों पर उनकी घबराहट और विफलता को दिखा रहा है।'
बता दें कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की गुरुवार को हुई बैठक भी बेनतीजा रही। लगभग आठ घंटे चली इस बैठक में किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े रहे। किसान नेताओं के बातचीत के बीच में सरकार की तरफ से की गई दोपहर के भोजन, चाय और पानी की पेशकश को भी ठुकरा दिया। सरकार ने बातचीत के लिये पहुंचे विभिन्न किसान संगठनों के 40 किसान नेताओं के समूह को आश्वासन दिया कि उनकी सभी वैध चिंताओं पर गौर किया जाएगा और उन पर खुले दिमाग से विचार किया जायेगा। लेकिन दूसरे पक्ष ने कानूनों में कई खामियों और विसंगतियों को गिनाते हुये कहा कि इन कानूनों को सितंबर में जल्दबाजी में पारित किया गया। कृषिमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ चौथे दौर कर वार्ता में सरकार के पक्ष की अगुवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगले दौर की वार्ता शनिवार को दोपहर दो बजे से होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह बैठक इन मुद्दों के समाधान की ओर ले जायेगी।