पाकिस्तान बन गया आतंकिस्तान, अगस्त में आतंकी हमलों में जबरदस्त उछाल, टूटा 9 साल का रिकॉर्ड
Updated on
04-09-2023 02:09 PM
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में पिछले एक महीने में आतंकी घटनाओं ने बीते 9 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (पीआईसीएसएस) की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान में अगस्त के महीने में आतंकवादी हमलों में 83 प्रतिशत की तेज वृद्धि देखी गई है। सिर्फ अगस्त में पाकिस्तान में 99 आतंकवादी घटनाएं दर्ज की गई हैं। 2014 के बाद से यह किसी एक महीने में दर्ज की गई सबसे बड़ी संख्या है। ये सिर्फ वो आंकड़े हैं, जिसे पाकिस्तान में बाकायदा सरकारी राजिस्टरों में रिपोर्ट किया गया है। इसके अलावा कई इलाके ऐसे भी हैं, जहां की घटनाएं सरकार की आंखों के सामने आ ही नहीं पाती हैं।
पाकिस्तान में आतंकवाद में अगस्त में 83 फीसदी उछाल
आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में जुलाई की तुलना में अगस्त में 83 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि हुई। जुलाई में पाकिस्तान में 54 आंतकवादी घटनाएं दर्ज की गई थी। पीआईसीएसएस रिपोर्ट में चार आत्मघाती हमलों का भी उल्लेख किया गया है, जिनमें से तीन खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के आदिवासी जिलों में और एक मुख्य खैबर पख्तूनख्वा में हुआ है। खैबर पख्तूनख्वा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का गृह राज्य है। इस राज्य में सरकार से ज्यादा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का बोलबाला है। टीटीपी आतंकवादी हर दिन पाकिस्तानी सेना और पुलिस पर हमले करते रहते हैं।
जुलाई महीने में हुए पांच आत्मघाती हमले
इस बीच, जुलाई महीने में पाकिस्तान में पांच आत्मघाती हमले हुए, जो एक साल में सबसे ज्यादा हैं। कुल मिलाकर, देश में 2023 के पहले आठ महीनों में 22 आत्मघाती हमले हुए, जिनमें 227 लोग मारे गए और 497 घायल हुए। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, PICSS डेटा से यह भी पता चलता है कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादी खतरे का प्रभावी ढंग से जवाब दिया, कई हमलों को टाल दिया, जिसमें कम से कम 24 आतंकवादी मारे गए और देश भर में विभिन्न अभियानों में 69 अन्य को गिरफ्तार किया गया।
बलूचिस्तान में सबसे ज्यादा अशांत सूबा
रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में आतंकवादी गतिविधि से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र बलूचिस्तान और पूर्व संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्र (एफएटीए) थे। बलूचिस्तान में आतंकवादी हमलों में 65 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो जुलाई में 17 से बढ़कर अगस्त में 28 हो गई, जबकि एफएटीए में 106 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो जुलाई में 18 से बढ़कर अगस्त में 37 हो गई। हालांकि, दोनों क्षेत्रों में मृत्यु दर में क्रमशः 19 प्रतिशत और 29 प्रतिशत की कमी आई। खैबर पख्तूनख्वा के जनजातीय क्षेत्रों को छोड़कर, आतंकवादी हमलों में 83 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जुलाई में 15 से अगस्त में 29 तक।
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