लखनऊ । एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तरप्रदेश चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) से गठबंधन कर लिया है और शिवपाल यादव से बात करना चाहते हैं. उनकी पार्टी की बसपा से गठबंधन की भी चर्चा थी फिलहाल उन्होंने इससे इनकार किया है. एसबीएसपी का 2017 के चुनाव में बीजेपी से गठबंधन था और पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर योगी कैबिनेट में मंत्री भी थे. भाजपा से झगड़े के बाद अब उनका एआईएमआईएम से गठबंधन हो गया.
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ''यकीनन हमारी आज बातचीत हुई है. एआईएमआईएम भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ रहेगी और जनवरी में प्रोग्राम बनेगा और मीटिंग्स होंगी. चूंकि पब्लिक मीटिंग्स पर तो कोविड की वजह से रिस्ट्रिक्शंस है. जनवरी में और भी अवाम से मुलाक़ात होगी,मीटिंग्स होंगी. और यक़ीनन इस सफ़र में हम एसबीएसपी के साथ हैं और आगे बढ़ेंगे.''
एसबीएसपी राजभर जाति की पार्टी मानी जाती है. यूपी में राजभर वोट क़रीब 4 फीसद हैं. पूर्वांचल के बलिया,आज़मगढ़, मऊ, गाज़ीपुर, चंदौली, देवरिया, जौनपुर और वाराणसी ज़िलों में इसका असर है. पूर्वांचल की 46 विधानसभा सीटों पर राजभर वोट 35,000 से 80,000 तक है. ओवैसी की नज़र इनमें से उन सीटों पर होगी जहां मुस्लिम वोट की तादाद ज़्यादा हो. वे कहते हैं कि वे यूपी का नाम बदलने नहीं, दिल जीतने आए हैं.
असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद नगर निगम चुनाव पर कहा कि ''जहां पर जिस वॉर्ड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गए थे, वहां बीजेपी हार गई. वे तीनों वॉर्ड भी हार गए जहां पर अमित शाह गए थे. हैदराबाद में हमारी जितनी सीटें थीं वह पूरी आ गईं. तो मैं यहां पर नाम बदलने नहीं आया हूं, दिल जीतने आया हूं. और इंशा अल्लाह ताला हम दिल जीतेंगे.''
ओवैसी ने अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव की भी काफ़ी तारीफ की और बताया कि वे उनसे भी मुलाक़ात करना चाहते हैं.