प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री शहरी स्वच्छता संकल्प महाभियान अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में प्लास्टिक और काँच की बोतलों के संग्रहण के लिए 13 जून को नगरीय क्षेत्रों में एक दिवसीय ‘बॉटल संग्रहण यात्रा’ निकाली गयी। अभियान के दौरान एक लाख 50 हजार से अधिक प्लास्टिक तथा काँच की बोतलों का संग्रह किया गया। इनसे नगरीय निकायों में 3-आर आधारित आकृतियाँ तैयार की जाएंगी। शेष बोतलों को सुरक्षित निपटान के लिए मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी में भेजा जाएगा।
राज्यव्यापी एक दिवसीय अभियान में निकाय स्तर पर जन-प्रतिनिधियों, युवाओं एवं स्वयंसेवी नागरिकों के सहयोग से बाजार/व्यवसायिक क्षेत्रों में विभिन्न जागरूकता गतिविधियाँ संचालित की गईं। इसमें नगरीय निकायों में विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर 600 से अधिक अस्थाई कियोस्क लगाकर एवं जनसंपर्क कर नागरिकों से अपनी अनुपयोगी प्लास्टिक या काँच की बॉटल देने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अतिरिक्त छात्रों, युवाओं एवं जन-प्रतिनिधियों द्वारा नागरिकों को अपनी पानी की बोतल साथ में रखने और उपयोग की गई प्लास्टिक अथवा काँच की बोतलों को निपटान के लिए कचरा वाहन या कियोस्क में देने के लिए प्रेरित किया गया।
उल्लेखनीय है कि गर्मी के मौसम में पानी, कोल्ड ड्रिंक आदि के बॉटल की खपत बढ़ने से शहरों में अतिरिक्त प्लास्टिक बॉटल का कचरा हो रहा है। उपयोग के बाद बॉटल के उचित निष्पादन के अभाव में वे सार्वजनिक स्थलों के नालियों/नालों या अन्य स्थानों पर खुले में पाई जाती हैं। इससे आने वाले बारिश के मौसम में नालों, नालियों के चोक होने और जलभराव की स्थिति भी संभावित है।
प्रदेश में स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 की तैयारियाँ निरंतर हैं। इस वर्ष प्रदेश के सभी नगरीय निकायों ने कचरा मुक्त शहरों के लिए स्टार प्रमाणीकरण के लिए अपने आवेदन प्रस्तुत किए हैं। इसके लिए निकायों को पूरी तरह से कचरा मुक्त एवं उत्सर्जित कचरे का सुरक्षित निपटान होना एक अनिवार्य शर्त है। प्रदेश ने नगरीय निकायों की रैंकिग विगत वर्ष से बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा है। गौरतलब है कि वर्ष 2022 के स्वच्छ सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश को देश के स्वच्छतम राज्य होने का गौरव प्राप्त हुआ था।