नई दिल्ली । भारत में वैक्सीन आने पर सबसे पहले एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी, इनमें कोरोना मरीजों के इलाज में लगे सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर, नर्स आदि शामिल हैं। इसके बाद दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स का नंबर आएगा, इनमें सुरक्षा बल, पुलिस, होम गार्ड, म्यूनिसिपल वर्कर शामिल होंगे।
केंद्र सरकार की ओर से एक सर्वदलीय बैठक में कोरोना वैक्सीन का खाका देश के सामने रखा गया। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की ओर से एक प्रजेंटेशन दिया गया।
सूत्रों के अनुसार सुरक्षा बल, पुलिस, होम गार्ड, म्यूनिसिपल वर्कर के बाद प्राथमिकता वाले उम्र समूह का नंबर आएगा जिसमें 27 करोड़ भारतीय होंगे, इसमें 50 वर्ष से ऊपर के लोग होंगे। 50 वर्ष कम उम्र के ऐसे लोग, जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो, उन्हें वैक्सीन देने के लिए 'कोविन' नाम का डिजिटल प्लेटफार्म बनाया गया है। हेल्थ केयर वर्कर्स के आंकड़े जुटाने का काम चल रहा है। 8 दिसंबर तक इनके आंकड़े 'कोविन' पर लोड कर दिए जाएंगे। वैक्सीन के लिए सीरिंज, सुई आदि जुटाने का काम चल रहा है। टीका लगाने वालों को ट्रेनिंग का मटेरियल तैयार हो रहा है। देश में कोरोना वैक्सीन का काम पांच सिद्धातों पर आधारित होगा। तकनीक के आधार पर लागू करना, एक साल या अधिक समय की तैयारी, मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं से कोई समझौता नहीं, चुनावों वयूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन कार्यक्रमों के अनुभव का लाभ लिया जाए, लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना और वैज्ञानिक और अन्य नियामकों पर कोई समझौता नहीं।
कोरोना वैक्सीन को लेकर सर्वदलीय बैठक में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में कोरोना वैक्सीन भारत में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में आठ वैक्सीन पर काम चल रहा है, इनमें से तीन भारत की अपनी हैं। वैज्ञानिकों की मंजूरी मिलते ही वैक्सीन देने का काम शुरू हो जाएगा। पीएम ने बताया कि राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम चल रहा है। कोल्ड चेन व अन्य उपकरणों पर काम जारी है। केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को मिला कर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप बनाया गया। जरूरतों के हिसाब से यह एक्सपर्ट ग्रुप फैसला करेगा।