स्वीडन के बाद अब पाकिस्तान में भी मंकीपॉक्स का केस मिला है। रॉयटर्स के मुताबिक पाकिस्तान में शुक्रवार(16 अगस्त) को मंकीपॉक्स के तीन केस मिले। सभी UAE की यात्रा करके लौटे थे। अभी पता नहीं चल पाया है कि मरीजों में कौन सा वैरिएंट है। तीनों मरीजों को अलग-अलग रखा गया है।
इससे पहले गुरुवार को स्वीडन में मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था। अफ्रीका के बाद यह पहला मामला था। रिपोर्ट्स के मुताबिक मरीज में मंकीपॉक्स का क्लेड आई वैरिएंट पाया गया, जो कि एक जानलेवा वैरिएंट है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को Mpox यानी मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। यह दो साल में दूसरी बार है जब इस बीमारी को हेल्थ इमरजेंसी बताया गया है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल विश्व में मंकीपॉक्स से अब तक 537 मौत हो चुकी है। कांगो में इस बीमारी का प्रकोप फैला हुआ है। इसकी चपेट में पड़ोसी देश भी आ रहे हैं।
क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स चेचक जैसी एक वायरल बीमारी है। आमतौर इस वायरस से संक्रमण के ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह घातक हो सकता है। इसके चलते फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और शरीर पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का ही मेंबर है, जो चेचक (स्मालपॉक्स) के लिए भी जिम्मेदार है।
WHO इसलिए भी चिंतित है क्योंकि मंकीपॉक्स के अलग-अलग प्रकोप में मृत्यु दर अलग-अलग देखी गई है। कई बार तो यह 10% से भी अधिक रही है। यह इसलिए अधिक खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि यह संक्रामक बीमारी है। इसलिए WHO ने इसे लेकर सबसे उच्च स्तर का अलर्ट जारी किया है।
अफ्रीका में अब तक Mpox के 17 हजार से ज्यादा मामले सामने आए
अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Africa CDC) के मुताबिक इस साल अब तक अफ्रीकी महाद्वीप पर Mpox के 17,000 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जबकि 517 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। पिछले साल इसी अवधि की तुलना में इस साल मामलों में 160% की बढ़ोतरी हुई है। कुल मिलाकर 13 देशों में Mpox के मामले दर्ज किए गए हैं।
सामान्य कॉन्टैक्ट से फैलता है यह वायरस
कांगो में प्रकोप की शुरुआत एक स्थानिक प्रकार के फैलाव से हुई, जिसे क्लेड-I के नाम से जाना जाता है। लेकिन एक नए स्ट्रेन क्लेड-Ib सामने आया है जो नॉर्मल कॉन्टैक्ट से आसानी से फैलता है। इसमें सेक्शुअल कॉन्टैक्ट भी शामिल है। यह कांगो के पड़ोसी देशों जैसे कि बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा में फैल गया है। इसके चलते WHO को यह एक्शन लेना पड़ा।
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयसस ने कहा कि यह साफ है कि इस बीमारी को फैलने से रोकने और जान बचाने के लिए दुनिया को मिलकर कोशिश करनी होगी। इसके साथ ही चेतावनी दी थी कि यह वायरल इंफेक्शन खतरनाक दर से फैल रहा है।