नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वन्यजीव अधिनियम के मुद्दे राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के तहत होना उचित होगा। यह मुद्दा तब उठा जब चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की सुरक्षा को लेकर सुनवाई कर रही थी जो उच्च वोल्टेज ओवरहेड पावर लाइनों के साथ टकराने के कारण बड़ी संख्या में मर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बोबडे ने केंद्र से कहा कि आपने वन्यजीव अधिनियम भी एनजीटी को क्यों नहीं सौंपा। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि हम इसे करेंगे।
इस साल फरवरी में शीर्ष अदालत ने राजस्थान सरकार से भूमिगत केबल बिछाने पर विचार करने को कहा था। याचिकाकर्ता ने सुझाव दिया कि अंतिम समाधान गुजरात और राजस्थान में उन क्षेत्रों तक पहुंचाया जाए जहां ग्रेट इंडियन बस्टर्ड प्रजनन कर रहा है। वहां पॉवरलाइन, पवन चक्कियां नहीं हों। याचिकाकर्ता के लिए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि डायवर्टर, एक डिस्क प्रकार की चीज, ओवरहेड पावर लाइनों पर स्थापित की जा सकती है ताकि पक्षी इसे देख सकें और खतरे को समझ सकें।