नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रहा कि नए कृषि कानून से खेती को नए आयाम मिलेंगे और इससे किसानों की परेशानियां दूर होंगी। पीएम मोदी ने आज 'मन की बात' के जरिए देश को संबोधित किया। यह मन की बात का 71वां संस्करण था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना की स्थिति से लेकर किसान कानून पर अपने विचार साझा किए। पीएम मोदी ने नए कानून को लेकर कहा कि यह किसानों को नए अधिकार दे रहा है। इस दौरान पीएम मोदी ने कई अहम मुद्दों पर भी अपने विचार सामने रखे।त्
मन की बात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि संसद ने हाल ही में कठोर मंथन के बाद कृषि सुधार कानून पारित किया है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों ने न केवल किसानों की दिक्कतें कम हुई हैं बल्कि इस कानून ने उन्हें नए अधिकार और अवसर भी दिए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। बरसों से किसानों की जो मांग थी, जिन मांगों को पूरा करने के लिए किसी न किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वायदा किया था, वो मांग पूरी हुई हैं। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बन्धन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं, नए अवसर भी मिले हैं।
मन की बात कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हर भारतीय को यह जानकर गर्व महसूस होगा कि देवी अन्नपूर्णा की एक प्राचीन मूर्ति को कनाडा से भारत वापस लाया जा रहा है। लगभग 100 साल पहले 1913 में, यह मूर्ति वाराणसी के एक मंदिर से चुराई गई थी और देश के बाहर तस्करी की गई थी।
पीएम मोदी ने कहा कि माता अन्नपूर्णा का काशी से बहुत ही विशेष संबंध है। अब उनकी प्रतिमा का वापस आना हम सभी के लिए सुखद है। माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की तरह ही हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें, अंतरराष्ट्रीय गिरोहों का शिकार होती रही हैं।
माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की वापसी के साथ एक संयोग यह भी जुड़ा है कि कुछ दिन पूर्व ही वर्ल्ड हेरीटेज वीक मनाया गया है। वर्ल्ड हेरीटेज वीक संस्कृति प्रेमियों के लिए, पुराने समय में वापस जाने, उनके इतिहास के अहम पड़ावों को पता लगाने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है। पीएम मोदी ने आज कहा कि आज देश में कई म्यूजियम और लाइब्रेरी अपने कलेक्शन को पूरी तरह से डिजिटल बनाने का काम कर रहे है। दिल्ली में हमारे राष्ट्रीय संग्रहालय ने इस संबंध में कुछ सराहनीय प्रयास किए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि इस महीने 12 नवंबर से डॉक्टर सलीम अली जी का 125वां जयंती समारोह शुरू हुआ है। डॉक्टर सलीम ने पक्षियों की दुनिया में बर्ड वाचिंग को लेकर उल्लेखनीय कार्य किए है। दुनिया में बर्ड वाचिंग को, भारत के प्रति आकर्षित भी किया है।
इस दौरान पीएम मोदी ने भारत की संस्कृति को लेकर कहा कि भारत की संस्कृति और शास्त्र, दोनों हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। कई लोग तो इनकी खोज में भारत आए और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए, तो कई लोग वापस अपने देश जाकर इस संस्कृति के संवाहक बन गए।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुझे जोनस मैसेट्टी के काम के बारे में पता चला, जिन्हें 'विश्वनाथ' के नाम से भी जाना जाता है। जोनास ब्राजील में वेदांत और गीता पर पाठ देता है। वह 'विश्वविद्या' नामक एक संस्था चलाते हैं, जो रियो डी जनेरियो से एक घंटे की दूरी पर पेट्रोपोलिस की पहाड़ियों में स्थित है। उन्होंने आगे बताया कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद, जोनास ने अपने शेयर बाजार कंपनी के लिए काम किया। बाद में वे भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित हुए, खासकर वेदांत की ओर। उन्होंने भारत में वेंदांता का अध्ययन किया और कोयम्बटूर में अर्श विद्या गुरुकुलम में 4 साल बिताए। मैं जोनास को उनके प्रयासों के लिए बधाई देता हूं।
कल 30 नवंबर को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे। पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। गुरुग्रन्थ साहिब में कहा गया है- 'सेवक को सेवा बन आई', यानी सेवक का काम सेवा करना है। बीते कुछ वर्षों में कई अहम पड़ाव आए और एक सेवक के तौर पर हमें बहुत कुछ करने का अवसर मिला।
उन्होंने कहा कि क्या आप जानते हैं कि कच्छ में एक गुरुद्वारा है, लखपत गुरुद्वारा साहिब। 2001 के भूकंप से कच्छ के लखपत गुरुद्वारा साहिब को भी नुकसान पहुंचा था। यह गुरु साहिब की कृपा ही थी कि मैं इसका जीर्णोद्धार सुनिश्चित कर पाया।
पीएम मोदी ने मन की बात के दौरान कहा कि पिछले दिनों, मुझे, देश-भर की कई यूनिवर्सिटीज के छात्रों के साथ संवाद का, उनकी एजूकेशन जर्नी के महत्वपूर्ण इवेंट में शामिल होने का, अवसर प्राप्त हुआ है। देश के युवाओं के बीच होना बेहद तरो-ताजा करने वाला और उर्जा से भरने वाला होता है। उन्होंने आगे कहा कि 5 दिसम्बर को श्री अरबिंदो की पुण्यतिथि है। श्री अरबिंदो को हम जितना पढ़ते हैं, उतनी ही गहराई हमें मिलती जाती है। मेरे युवा साथी, श्री अरबिंदो को जितना जानेंगे, उतना ही अपने आप को जानेंगे, खुद को समृद्ध करेंगे।