भारतीय नौसेना ने अरब सागर में सोमालिया के पूर्वी तट के पास से सोमवार को 19 पाकिस्तानी नाविकों की जान बचाई। ईरान के झंडे वाले जहाज को 11 समुद्री लुटेरों ने किडनैप कर लिया था। इसके बाद नौसेना ने जहाज को रेस्क्यू करने के लिए अपना युद्धपोत INS सुमित्रा भेजा था। नौसेना ने रेस्क्यू किए जहाज का नाम FV अल नाईमी बताया है।
रेस्क्यू की कॉल मिलने के बाद भारतीय नौसेना ने समुद्री लुटेरों को सभी नाविकों को छोड़ने के लिए मजबूर किया। रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद लुटेरों को पकड़ लिया। पिछले 36 घंटे में ये दूसरा मामला है जब भारतीय नौसेना ने समुद्री लुटेरों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए अपना युद्धपोत भेजा।
रविवार रात को भी भारत ने ईरान के फिशिंग वैसेल FV ईमान का रेस्क्यू किया था। इसे भी समुद्री लूटेरों ने पकड़ लिया था। इस पर 17 ईरानी क्रू मेंबर्स सवार थे। दोनों ऑपरेशन कोच्चि के पश्चिम से 850 नॉटिकल मील, यानी 1574 किलोमीटर दूर चलाए गए।
ये अरब सागर में समुद्री लुटेरों के हमले का छठा मामला है। इन घटना से 15 दिन पहले ही भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS सुमित्रा ने एक ईरानी जहाज को समुद्री डाकुओं से बचाया था। सोमवार को एक बार फिर से ईरान के झंडे वाले जहाज अल नईमी पर समुद्री लूटेरों ने हमला कर दिया था और इस पर मौजूद सभी 19 लोगों को बंधक बना लिया था।
4 जनवरी: लाइबेरिया के जहाज पर सवार 15 भारतीयों को बचाया गया
4 जनवरी को अरब सागर में सोमालिया के तट के पास लाइबेरिया के फ्लैग वाले जहाज लीला नोर्फोर्क को 4-5 हथियारबंद समुद्री लुटेरों ने हाईजैक कर लिया था। भारतीय नौसेना ने बताया कि जहाज ने ब्रिटेन के मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स (UKMTO) पोर्टल पर एक संदेश भेजा था।
इसके बाद INS चेन्नई को इन्हें बचाने के लिए भेजा गया। नौसेना के मार्कोस कमांडो ने हाईजैक किए गए जहाज पर सवार 21 लोगों को बचाया। इसमें 15 भारतीय भी सवार थे। मरीन ट्रैफिक के मुताबिक, जहाज ब्राजील के पोर्टो डू एकू से बहरीन के खलीफा बिन सलमान पोर्ट जा रहा था।
14 दिसंबर: समुद्री लुटेरों ने माल्टा का जहाज हाईजैक किया था
14 दिसंबर को भी समुद्री लुटेरों ने माल्टा के एक जहाज को हाईजैक कर लिया था। इसके बाद नौसेना ने अपने एक युद्धपोत को अदन की खाड़ी में हाइजैक हुए जहाज MV रुएन की मदद के लिए भेजा था। जहाज को 6 लोगों ने अगवा किया था।
भारतीय नौसेना ने माल्टा के जहाज से एक नाविक को रेस्क्यू किया था। यह नाविक गंभीर रूप से जख्मी था। इसका इलाज शिप पर मुमकिन नहीं था, लिहाजा उसे ओमान भेजा गया था। द मैरीटाइम एग्जीक्यूटिव की रिपोर्ट के मुताबिक हाइजैक हुआ जहाज कोरिया से तुर्किये की तरफ जा रहा था। तभी सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने उस पर हमला कर दिया।
19 नवंबर: हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से कार्गो शिप को हाइजैक किया था
19 नवंबर को हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से एक कार्गो शिप गैलेक्सी लीडर को हाइजैक कर लिया था। यह जहाज तुर्किये से भारत आ रहा था। हूती विद्रोहियों ने इसे इजराइली जहाज समझकर हाइजैक किया था। हूतियों ने शिप हाइजैक करने का वीडियो भी शेयर किया था। इस जहाज में 25 भारतीय क्रू मेंबर्स थे।
जहाज हाइजैक होने की जानकारी मिलते ही नेतन्याहू ने इसका आरोप ईरान पर लगाया था। इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ईरान की ओर से अंतरराष्ट्रीय जहाज पर हमला बताया था। उन्होंने कहा था कि यह ईरान की तरफ से की गई आतंकी हरकत है। यह दुनिया पर हमले की कोशिश है। इससे दुनिया की शिपिंग लाइन भी प्रभावित होगी।
1990 के बाद सोमालिया में बढ़े समुद्री लुटेरे
सोमालिया वो मुल्क है, जिसके समुद्र में बड़ी तादाद में मछलियां मौजूद हैं। 1990 तक इसकी अर्थव्यवस्था मछलियों से ही चलती थी। तब यहां समुद्री लुटेरों का कोई डर नहीं था। अधिकतर लोग मछली का व्यापार करते थे। फिर यहां सिविल वॉर शुरू हो गया। सरकार और नौसेना नहीं रही। इसका फायदा विदेशी कंपनियों ने उठाया।
सोमालिया के लोग छोटी नावों में मछली पकड़ते थे। उनके सामने विदेशी कंपनियों के बड़े-बड़े ट्रॉलर आकर खड़े हो गए। लोगों का रोजगार छिनने लगा। इससे परेशान होकर 1990 के बाद इस देश के लोगों ने हथियार उठा लिए और समुद्री लुटेरे बन गए। समुद्री मालवाहक जहाजों का एक बड़ा बेड़ा सोमालिया कोस्ट के पास से होकर गुजरता था।
मछुआरे से लुटेरे बने लोगों ने इन जहाजों को निशाना बनाना शुरू किया। जहाज छोड़ने के बदले वे फिरौती लेने लगे। साल 2005 तक यह धंधा इतना बड़ा हो गया कि एक पाइरेट स्टॉक एक्सचेंज बना दिया गया। यानी लुटेरों के अभियान को फंड करने के लिए लोग इन्वेस्ट कर सकते थे। बदले में लोगों को लूटी हुई रकम का एक बड़ा हिस्सा मिलता।