रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के सबसे बड़े विरोधी एलेक्सी नवलनी की 16 फरवरी को मौत हो गई। मरने से एक दिन पहले वे ऑनलाइन सुनवाई में नजर आए थे। इस दौरान वे जज के साथ मजाक करते हुए भी दिखाई दिए थे।
सुनवाई के दौरान नवलनी ने खुद पर लगे जुर्माने पर मजाकिया लहजे में जज से कहा था- आपके फैसलों की वजह से मेरे पैसे खत्म होते जा रहे हैं। आप अपने वेतन का कुछ हिस्सा मुझे भी दे दीजिए।
इधर, अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नवलनी की मौत के लिए पुतिन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा- नवलनी की मौत की खबर सुनकर गुस्सा आया। उनकी मौत के लिए सिर्फ पुतिन जिम्मेदार हैं। नवलनी के साथ जो हुआ, वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की क्रूरता का सबूत है।
जेल अफसरों ने कहा- नवलनी की तबीयत खराब थी
16 फरवरी की शाम को रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सबसे बड़े विरोधी एलेक्सी नवलनी की जेल में मौत हुई थी। रूस के जेल अधिकारियों ने कहा था- एलेक्सी नवलनी की तबीयत खराब थी, वे शुक्रवार शाम को टहलकर वापस लौटे थे, जिसके बाद उन्होंने अच्छा महसूस नहीं हो रहा था। इसके बाद वे बेहोश होकर गिर गए थे।
बाइडेन ने कहा था- नवलनी की मौत का नतीजा विनाशकारी होगा
नवलनी को 2021 में 19 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। इस दौरान बाइडेन से पूछा गया था कि अगर नवलनी की मौत हो जाती है तो क्या होगा। इसके जवाब में बाइडेन ने कहा था- नवलनी की मौत का नतीजा रूस के लिए विनाशकारी होगा।
16 फरवरी को नवलनी की मौत की खबर सुनने के बाद बाइडेन ने कहा- जेल में रहकर भी वे सच्चाई के लिए आवाज उठा रहे थे। भगवान अलेक्सी नवलनी की आत्मा को शांति दे। उनके साहस को भुलाया नहीं जा सकता।
कनाडाई PM ने पुतिन को राक्षस कहा
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नवलनी की मौत की खबर सुनने के बाद पुतिन को राक्षस बताया। उन्होंने कहा- नवलनी की मौत त्रासदी है। यह दिखाता है कि पुतिन रूसी लोगों की आजादी के लिए लड़ने वाले किसी भी व्यक्ति पर किस हद तक नकेल कसेंगे। नवलनी की मौत बताती है कि पुतिन राक्षस हैं।
नवलनी की पत्नी बोलीं- पुतिन और उनके सहयोगी बख्शे नहीं जाएंगे
नवलनी की मौत के एक दिन बाद उनकी पत्नी यूलिया नवलनया ने कहा- पुतिन और उनके सहयोगियो को बख्शा नहीं जाएगा। हम पुतिन और उनकी सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते। वो हमेशा झूठ बोलते हैं। लेकिन अगर यह बात साबित हो गई कि मेरे पति की मौत के पीछे उनका हाथ है तो नतीजा भुगतेंगे। ये दिन बहुत जल्द आएगा।
आर्कटिक की सबसे ठंडी जेल में कैद थे नवलनी
नवलनी रूस की सबसे खतरनाक जेल पोलर वुल्फ में कैद थे। 2 महीने पहले यानी दिसंबर में उनके पोलर वुल्फ जेल में कैद होने की बात सामने आई थी। इससे पहले वे 2 हफ्तों तक गायब थे। आर्कटिक की जिस जेल में उन्हें रखा गया था वहां पारा -28 डिग्री तक जाता है। उनके वकील ने कहा था कि उन्हें चुनाव से दूर रखने के लिए आर्कटिक की जेल में भेजा गया। रूस में 15 से 17 मार्च को चुनाव होंगे।
2020 में फ्लाइट में जहर देने की कोशिश हुई
नेवलनी पर 2017 में जानलेवा हमला हुआ था। हमले में उनकी आंख में गंभीर चोट आई थी। साल 2018 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में खड़े होने की कोशिश की, लेकिन धोखाधड़ी के आरोप के चलते वे ऐसा न कर सके। एलेक्सी ने इसे सरकार की साजिश बताया था। जुलाई 2019 में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने के ऐलान के बाद नेवलनी को 1 महीने की जेल हुई थी।
उस वक्त जेल में तबियत बिगड़ने के बाद कहा गया कि नवलनी को जहर देने की कोशिश हुई है। इसके बाद साल 2020 में भी उन्हें जहर देने की कोशिश की गई। वह फ्लाइट में बेहोशी की हालत में पाए गए थे, जिसके बाद फ्लाइट की जर्मनी में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी।
उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ठीक होने के बाद गिरफ्तारी की खतरे के बावजूद नवलनी 2021 में रूस लौटे। रूस में कदम रखते ही सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
नवलनी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को ऑस्कर मिला
नवलनी ने यूक्रेन युद्ध को लेकर पुतिन के खिलाफ जेल से अभियान चलाया था। CNN के मुताबिक, अगस्त में सजा सुनाए जाने के बाद नवलनी ने कहा था कि सालों की ये सजा उनके लिए मायने नहीं रखती। 2023 में रूस के एलेक्सी नवलनी पर बनी डॉक्यूमेंट्री ने ऑस्कर अवॉर्ड जीता था। इस डॉक्यूमेंट्री का नाम 'नवलनी' है।
अमेरिकी कंपनी CNN और HBO ने मिलकर ये डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। इसमें साइबेरिया में नवलनी पर हुए जानलेवा हमले से लेकर उनके रूस जाने और वहां गिरफ्तार होने की कहानी है। डॉक्यूमेंट्री में नवलनी के रूस में लोकतंत्र लाने और पुतिन के खिलाफ संघर्ष और इस दौरान झेली गई परेशानियों को दिखाया गया है।
23 साल से रूस पर पुतिन का राज
पुतिन पहली बार साल 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे। इससे पहले 1999 में उन्हें रूस के पहले राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने बतौर PM चुना था। 2000 से 2008 तक लगातार 2 कार्यकाल के दौरान पुतिन रूस के राष्ट्रपति पद पर काबिज रहे। रूस के संविधान के मुताबिक, पुतिन लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकते थे। ऐसे में साल 2008 में पुतिन के सबसे बड़े समर्थकों में शामिल दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति बने।
इस दौरान पुतिन ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद संभाला। 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति मेदवेदेव ने अपनी पार्टी से पुतिन को प्रेसिडेंट कैंडिडेट के लिए नॉमिनेट करने को कहा। इसके बाद 2012 के चुनाव में पुतिन ने दोबारा जीत हासिल की और वे सत्ता में लौट आए।