सिविल सेवा सिर्फ एक पेशा नहीं, यह जनसेवा का प्रभावी माध्यम है। सिविल सेवकों का दायित्व है कि वे अपने अधिकारों का सदुपयोग करें, लेकिन कर्तव्यों से कभी विमुख न हों। लोक प्रशासन का मूल मंत्र ही हर संभव तरीके से लोगों की सेवा करना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय लोकसेवा दिवस पर प्रदेश के नौकरशाहों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
नरोन्हा प्रशासन अकादमी में आयोजित इस समारोह में मुख्यमंत्री ने पिछले दो साल में बेहतर काम करने वाले प्रदेश के 16 लोक सेवकों को मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया। सभी को एक लाख रुपए की राशि और प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया।
सीएम ने कहा कि सभी लोक सेवकों को शासन व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और लोक जवाबदेही की भावना को और मजबूत करने की दिशा में काम करना होगा।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल ने सिविल सर्वेंट को स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया कहा था, तब उन्होंने यह भी कहा था कि लोकसेवकों के लिए तीन बातें जोर देकर कही थी, डिग्निटी, इंटेग्रिटी और इनकरप्टिबिलिटी (गरिमा, सत्यनिष्ठा और भ्रष्ट न होने क्षमता)। यह आज भी हमारे लिए आदर्श प्रेरणा स्रोत हैं।
नरोन्हा व्याख्यान में इस बार मुख्य वक्ता इन्वेस्ट इंडिया के पूर्व एमडी व सीईओ डॉ. दीपक बागला थे। उन्होंने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य में नौकरशाहों की भूमिका पर बात की।
इन लोक सेवकों को मिला मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार
माधव प्रसाद पटेल (माध्यमिक शिक्षक), अदिति गर्ग (तत्कालीन सीईओ आयुष्मान भारत निरामय योजना), डॉ. इंदिरा दांगी (शिक्षक) आष्टा सीहोर, शारदा डुडवे (माध्यमिक शिक्षक) चंद्रशेखर आजाद नगर, आलोक पौराणिक प्राथमिक शिक्षक पथरिया दमोह, चंद्रमोहन ठाकुर तत्कालीन एमडी भवन विकास निगम, डॉ. यशपाल सिंह प्राचार्य आवासीय विद्यालय भोपाल, संजय जोशी एमडी विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड,
अमित तोमर तत्कालीन एमडी पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर, ऋषभ गुप्ता पूर्व कलेक्टर देवास, गणेश शंकर मिश्रा तत्कालीन प्रबंध संचालक विद्युत वितरण कंपनी, दिव्यांक सिंह तत्कालीन सीईओ स्मार्ट सिटी परियोजना इंदौर, प्रवीण सिंह अढायच पूर्व कलेक्टर सीहोर, प्रो. बेला सचदेवा सहायक प्राध्यापक इंदौर, भूपेंद्र कुमार चौधरी माध्यमिक शिक्षक चिमनाखारी जिला सिवनी, शीला दाहिमा अतिरिक्त सचिव शिक्षा विभाग।