गुवाहाटी । सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को बताया है कि असम के राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर में खराब गुणवत्ता जांच और नियंत्रण के कारण 2.77 लाख अवांछनीय लोगों के नाम शामिल हो सकते हैं। असम के एनआरसी कोआर्डिनेटर हितेश देव सरमा की ओर से दाखिल किए गए हलफनामे में कहा गया है कि एनआरसी अथॉरिटी ने यह अनुमान ड्राफ्ट एनआरसी के 27 फीसदी नामों के वैरीफिकेशन के बाद हटाए गए एक लाख नामों के आधार पर लगाया है। इसमें कहा गया था कि बाकी के एनआरसी में भी बड़ी संख्या में अवांछित नाम हो सकते हैं। 'इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि 1,02,462 नाम ड्राफ्ट एनआरसी के 27 फीसदी नामों के वैरीफिकेशन से ही हटाए गए हैं, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि शेष 73% असत्यापित परिणामों में इसी अंकगणित के हिसाब से 2.77 लाख अवांछनीय नाम हो सकते हैं।'
गौरतलब है कि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने यह हलफनामा ''घोषित विदेशियों'' से संबंधित मामले में सुनवाई करते हुए मांगा था, इस विदेशियों ने दावा किया था कि उनके नाम 2019 में रिलीज अंतिम असम एनआरसी में थे। अंतिम असम एनआरसी में यह पाया गया था कि 3 करोड़ 10 लाखसे अधिक योग्य रजिस्ट्री में शामिल होने के हकदार थे, इसमें से 19 लाख लोगों को ही चिन्हित किया गया था।