नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर किसान आंदोलन की अनदेखी का आरोप लगाकर मंगलवार को कहा कि वह जनता की समस्याओं का समाधान करने की बजाय सिर्फ अपने पूंजीपति मित्रों के हितों को महत्व देती है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने हितों के लिए समाज का जो भी वर्ग विरोध करता है, सरकार उनकी चिंता को दूर करने की बजाय उन्हें देशद्रोही, नक्सली, खालिस्तानी कहकर उनकी आवाज दबाने का प्रयास करती है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, मोदी सरकार के लिए-विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्र राष्ट्रविरोधी हैं। अपनी समस्याओं को लेकर चिंतित नागरिक शहरी नक्सली हैं। प्रवासी मजदूर कोविड महामारी के वाहक हैं। दुष्कर्म पीड़ित कुछ भी नहीं हैं। विरोध करने वाले किसान खालिस्तानी हैं, और पूंजीपति सबसे अच्छे दोस्त हैं। इसके पहले राहुल गांधी ने कहा था कि कोरोना संकट के दौरान सरकार ने जो 20 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज घोषित किया वह जमीन पर नहीं उतरा और घोषणा करने में माहिर सरकार का यह पैकेज भी जुमला साबित हुआ।इसके साथ ही राहुल गांधी ने एक खबर पोस्ट की है,जिसमें सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में सरकार ने बताया है कि मई में जो 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा कोरोनो से निपटने के लिए की गई थी उसका महज 10 फीसदी पैसा ही वितरित हुआ है।