कोलकाता । अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को लगातार झटके मिल रहे हैं। कभी ममता बनर्जी के खास रहे शुभेंदु अधिकारी के पार्टी छोड़ने का जख्म भरा भी नहीं था कि गुरुवार को टीएमसी को दो और झटके मिले। गुरुवार को पार्टी के प्रभावशाली नेता शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी छोड़ दी। इसके बाद विधायक जितेंद्र तिवारी ने भी टीएमसी से नाता तोड़ लिया है। पार्टी को संकट में देख सीएम ममता बनर्जी हरकत ने आपात बैठक बुलाई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने आज पार्टी की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। माना जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी और जितेंद्र तिवारी के इस्तीफे के बाद बंगाल समेत पूरे देश में जो माहौल बन रहा है, उस पर पार्टी माथापच्ची करेगी और आगे की रणनीति तैयार करेगी। हालांकि, टीएमसी के सूत्रों का कहना है कि यह कोई आपात बैठक नहीं है, बल्कि यह पार्टी की नियमित बैठकों का ही एक हिस्सा है।
उन्होंने बताया कि हर शुक्रवार पार्टी की अध्यक्ष टीएमसी नेताओं से बैचों में मिलती हैं। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को ही साउथ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एसबीएसटीसी) के अध्यक्ष दीप्तांगशु चौधरी ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस तरह से एक दिन में टीएमसी को कल तीन झटके लगे थे। ऐसी खबर है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी के खिलाफ मोर्चाबंदी भी शुरू कर दी है। शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी की टीएमसी से जितने भी नेता नाराज चल रहे हैं, सबको एक एकजुट करने की कवायद में जुट गए हैं। यही वजह है कि शुभेंदु अधिकारी ने विधायक पद से इस्तीफा देने के कुछ ही घंटे बाद बुधवार को सांसद सुनील मंडल और आसनसोल नगर निगम के प्रमुख जितेंद्र तिवारी समेत पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के साथ मुलाकात की। बंद कमरे में यह बैठक हुई, मगर चर्चा का विषय क्या था, अब तक सामने नहीं आया है।
ममता बनर्जी की यह बैठक कई मायनों में इसलिए भी अहम है, क्योंकि 19 और 20 दिसंबर को अमित शाह पश्चिम बंगाल के दौरे पर जाने वाले हैं। ऐसी अटकलें हैं कि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के दौरान 19 दिसंबर को शुभेंदु भाजपा में शामिल होंगे। कभी ममता बनर्जी के बेहद खास रहे और नंदीग्राम में टीएमसी का उदय कराने वाले शुभेंदु अधिकारी का करीब 50 विधानसभा सीटों पर अच्छा प्रभाव माना जाता है। बताया जाता है कि शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से नाखुश थे, जिन्हें 2019 चुनाव में बीजेपी को मिली बड़ी सफलता के बाद उतारा गया।
अमित शाह 19 और 20 दिसंबर को बंगाल में रहेंगे। वह कम से कम तीन जिलों में रैलियों को संबोधित करेंगे, जिनमें पूर्वी मिदनापुर भी शामिल है, जहां अधिकारी, उनके पिता और दो भाई दो लोकसभा क्षेत्रों और एक विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। सिविक बॉडी का प्रतिनिधित्व भी अधिकारी परिवार के पास ही है। शुभेंदु नंदीग्राम सीट से विधायक हैं। यहां टीएमसी की पकड़ सिर्फ शुभेंदु अधिकारी के हाथ में थी, अब ऐसे में ममता बनर्जी की बैठक में इस बात पर भी चर्चा हो सकती है कि इस जख्म पर मरहम कैसे लगाया जाए।