नई दिल्ली । भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 92 लाख 50 हजार से ऊपर हो चुकी है। हालांकि सक्रिय मरीजों की संख्या चार लाख 47 हजार के लगभग ही है। किंतु पिछले 1 सप्ताह से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए संक्रमित मरीजों की संख्या के मुकाबले कम है। इसलिए सक्रिय मरीज बढ़ सकते हैं। भारत में इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 87 लाख के करीब पहुंचने वाली है। देश में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1,35,165 से ज्यादा हो चुकी है।
महाराष्ट्र, केरल और दिल्ली में नए मिलने वाले मरीजों की संख्या लगातार 5000 से ऊपर ही सामने आ रही है। पश्चिम बंगाल में भी बड़ी संख्या में मरीज मिल रहे हैं। जबकि उत्तरप्रदेश में मरीजों की तादाद में एक बार फिर वृद्धि देखी जा रही है।
बुधवार को महाराष्ट्र में 6159, कर्नाटक में 1630, केरल में 6491, दिल्ली में 5246, पश्चिम बंगाल में 3528, राजस्थान में 3285, हरियाणा में 2197, गुजरात में 1540 नए संक्रमित मरीज मिले। मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में भी कोरोना अब पहले की अपेक्षा तेजी से फैलने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण 5% तक नियंत्रित करने और मौतों की संख्या 1% तक नियंत्रित करने का लक्ष्य राज्य सरकारों को दिया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकारों को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों ने जहां कोरोना संक्रमण को बहुत हद तक नियंत्रित कर लिया है, वहीं बिहार जैसे राज्य में संक्रमण की दर और मृत्यु दर बहुत नियंत्रित है। कोरोना से लड़ाई में बिहार का रिकॉर्ड अन्य राज्यों के मुकाबले संतोषप्रद है। मृत्यु की दृष्टि से देखें तो केरल का रिकॉर्ड बेहतर है। यह संक्रमण अधिक फैलने के बावजूद मौतें कम हुई है।
देश के अनेक प्रांतों में शीत लहर का प्रकोप है। इस कारण कोरोना ने पलटवार किया है।
ज्ञात रहे कि अमेरिका जैसे देश कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर से जूझ रहे हैं और वहां पर प्रतिदिन नए मरीजों की संख्या दो लाख से ऊपर है। यूरोप में भी कोरोना का पलटवार हो चुका है। अनेक देशों ने फिर से लॉकडाउन लागू करने जैसे कदम उठाए हैं लेकिन भारत में अब लॉकडाउन को झेलने की आर्थिक सामर्थ्य नहीं बची है।