Select Date:

मध्य प्रदेश सरकार हर साल क़र्ज़ा बढ़ता हुआ और सरकारी नुमाइंदों के यहाँ आवेध ख़ज़ाना ?

Updated on 29-12-2024 11:25 AM
मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर चर्चा करते हुए, कि हम राजनीतिक हस्तक्षेप, हर साल कर्ज़ लेने की प्रवृत्ति, और सरकारी मुलाजिमों की संपत्ति पर ध्यान दें। मध्य प्रदेश सरकार हर साल कर्ज़ ले रहा है। जिससे वित्तीय स्थिरता पर खतरा मंडरा रहा है। यह कर्ज़ विकास परियोजनाओं के लिए आवश्यक फंड की कमी को दर्शाता है। राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी वादों के तहत मुफ्त सुविधाओं का वितरण, वित्तीय संकट को और बढ़ा रहा है। सरकारी नुमाइंदे अक्सर अपने राजनीतिक लाभ के लिए अनावश्यक खर्चों को बढ़ाते हैं।  जिससे स्थिति और बिगड़ती है। इस प्रकार, यदि यह स्थिति जारी रहती है, तो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था बल्कि देश की समग्र आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होगी, जिससे आम जनता को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। 

आर्थिक असुरक्षा : 
जब राज्य सरकारें कर्ज़ में डूबी होती हैं। तो आम जनता को आर्थिक असुरक्षा का सामना करना पड़ता है। बेरोजगारी और महंगाई की बढ़ती दरें, लोगों की जीवनशैली को प्रभावित करती हैं।

सामाजिक असंतोष : 
जब सरकारें अपने वादों को पूरा नहीं कर पातीं तो जनता में असंतोष और निराशा बढ़ती है। यह असंतोष चुनावों में राजनीतिक बदलाव का कारण बनती है, जिससे नई सरकारें भी वही गलतियाँ दोहराती हैं।

सरकारी मुलाजिमों की संपत्ति, असमानता का संकेत :
जब सरकारी मुलाजिमों के घरों पर करोड़ों की संपत्ति मिलती है, तो यह असमानता और भ्रष्टाचार का संकेत है। यह सवाल उठता है, कि क्या ये संपत्तियाँ वैध हैं या फिर भ्रष्टाचार के माध्यम से अर्जित की गई हैं ! इस स्थिति में, जनता में गहरा असंतोष और आक्रोश उत्पन्न होता है। लोग सवाल उठाते हैं कि जब सरकारी नुमाइंदे अमीर हो रहे हैं, तो आम जनता की स्थिति क्यों खराब हो रही है।

वित्तीय सुधार :
केंद्र सरकार को भी राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए ताकि वे अपने कर्ज़ को नियंत्रित कर सकें। मुफ्त सुविधाओं के बजाय, सरकारों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आर्थिक नीतियाँ दीर्घकालिक विकास को प्रोत्साहित करें न कि तात्कालिक राजनीतिक लाभ को। 

हाल ही में, सौरभ शर्मा का मामला देखे, जब सरकारी मुलाजिमों के घरों पर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ, तो यह सवाल उठता है कि क्या ये संपत्तियाँ वैध हैं या फिर भ्रष्टाचार के माध्यम से अर्जित की गई हैं ? क्या सरकारी खजाने का पैसा सरकार के सेवक ही हज़म करने में लगे हैं?
जब आम जनता को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में आर्थिक असुरक्षा का सामना करना पड़ता है, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। बेरोजगारी और महंगाई की बढ़ती दरें, लोगों की जीवनशैली को प्रभावित कर रही हैं। राजनीतिक दलों के छोटे नुमाइंदे भी इस खेल में शामिल हैं। क्या यह संभव है कि इनकी मिलीभगत से ही यह धनराशि इकट्ठा की गई हो ? 

- ललित  खरे, लेखक, एडिटर इन चीफ, माइंडमेप मीडिया सोल्युशन                                                                                                (ये लेखक के अपने विचार है)

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 08 May 2025
भारतीय सेना ने पहलगाम की बैसरन घाटी में भारत की बेटियों का सुहाग उजाड़ने वाले निर्मम आतंकियों के खात्मे का ‘आॅपरेशन सिंदूर’ अंजाम देकर न सिर्फ जबर्दस्त बदला लिया है,…
 03 May 2025
केन्द्र मोदी सरकार द्वारा विपक्ष के दबाव के चलते इस साल देश में जाति गणना कराने के फैसले के साथ ही मंडल राजनीति 3.0 का आगाज भी हो गया है।…
 30 April 2025
पाकिस्तान को हमेशा गद्दारी करने पर भी भारत ने बड़ा हृदय रखकर क्षमादान परंतु पाकिस्तान हमेशा विश्वास घाट पर आतंकवादी षड्यंत्र किए  पाकिस्तान ने हमारी सहनशक्ति के अंतिम पड़ाव पर…
 27 April 2025
12 सबसे बेहतरीन विरासतें..1. बुद्धिमत्ता (Wisdom)बुद्धिमत्ता स्कूलों में नहीं सिखाई जाती, यह जीवन के अनुभवों से प्राप्त होती है। माता-पिता ही सबसे अच्छे शिक्षक होते हैं। अपने बच्चों को मार्गदर्शन…
 24 April 2025
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में विधानसभाअों द्वारा पारित विधेयको को सम्बन्धित राज्यपालों द्वारा अनंत काल तक रोक कर ‘पाॅकेट वीटो’ करने की प्रवृत्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय…
 17 April 2025
रायपुर I छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2025 में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रोजेक्ट टूडे सर्वे द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 218 नई…
 14 April 2025
भारतीय संविधान के शिल्पी डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़ा एक रोचक प्रसंग याद आता है जब एक बार विदेशी पत्रकारों का प्रतिनिधि मंडल भारत भ्रमण पर आया। यह प्रतिनिधि…
 13 April 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों यानी इंडिया ब्लाक पर हमला करते हुए कहा है कि विपक्ष का एकमेव लक्ष्य परिवार का साथ और परिवार का विकास है। मध्यप्रदेश के…
 11 April 2025
महात्मा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा में हुआ था।  ज्योतिबा फुले बचपन से ही सामाजिक समदर्शी तथा होनहार मेधावी छात्र थे,  आर्थिक कठिनाइयों के कारण …
Advertisement