भोपाल । पूर्व सांसद और कांग्रेस पार्टी के स्तंभ माने जाने वाले अहमद पटेल के निधन से मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को गहरा आघात पहुंचा है। उन्होंने इसे अपूर्णीय क्षति बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। बता दें कि कमल नाथ के साथ ही अहमद पटेल भी कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते आए हैं। दोनों ही नेता पार्टी के सजग प्रहरी के रूप में कार्य करते रहे हैं।
अपने मित्र अहमद पटेल को याद करते हुए कमल नाथ ने लिखा कि मेरे बेहद करीबी मित्र, वर्षों के सुख-दु:ख के साथी, जिंदादिल इंसान, नेक दिल इंसान श्री अहमद पटेल की आज प्रात: मिली निधन की दुखद खबर बेहद स्तब्ध करने वाली थी। एक बार तो सहसा इस खबर पर विश्वास नहीं हुआ। ईश्वर से प्रार्थना की कि यह खबर झूठी साबित हो। लेकिन, जब इस खबर की पुष्टि हुई तो मन दुखी व बेचैन हो गया। मैंने आज अपना वर्षों का एक सच्चा मित्र, सच्चा साथी खो दिया।
मेरी और अहमद पटेल की दोस्ती युवक कांग्रेस के समय से वर्ष 1977-78 से है। सहज, सरल, साधारण व्यक्तित्व के धनी श्री पटेल का राजनीतिक सफर युवक कांग्रेस से शुरू हुआ। अपने राजनीतिक जीवन में वह पार्टी में नीचे से लेकर ऊपर तक कई उच्च पदों पर रहे। वर्तमान में वे राज्यसभा सांसद व पार्टी के कोषाध्यक्ष थे। हम दोनों ने अपनी दोस्ती में काफी समय साथ में बिताया। हर मुश्किल व संकट की घड़ी में हम दोनों हमेशा साथ होते थे। उनके घर के दरवाजे मेरे लिए चौबीस घंटे खुले रहते थे। कारगिल युद्ध के समय भी कांग्रेस द्वारा भेजे गए प्रतिनिधिमंडल में हम दोनों साथ थे। हमारी वह यात्रा भी काफी यादगार, रोचक व रोमांचक रही। वह मुझे हमेशा सलाह देते रहते थे। कई बार मैं जब जल्दी उत्तेजित या क्रोधित हो जाता था तो वो मुझे हमेशा शांत रहने की सलाह देते थे। वो एक सच्चे हमदर्द थे।
पिछले कुछ दिनों से वह बीमार चल रहे थे। उन्होंने अपनी राजनीतिक कुशलता से बड़े-बड़े संकटों को चुटकी में हल किया। विरोधी भी उनकी राजनीतिक कुशलता का लोहा मानते थे। लेकिन, वो कोरोना से संक्रमित होने के बाद इतनी जल्दी जिंदगी की जंग हार जायेंगे, इस पर अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है। कांग्रेस पार्टी के लिए वे एक मजबूत आधार स्तंभ थे। मुश्किल और संकट की घड़ी में वो हमेशा संकटमोचक की भूमिका में रहते थे। वो सदैव लो प्रोफाइल में रहना व पर्दे के पीछे की भूमिका में रहना पसंद करते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन पार्टी को समर्पित किया। उनकी समर्पण भावना, कर्तव्यनिष्ठा बेजोड़-बेमिसाल थी। स्व.राजीव गांधी जी के साथ वे संसदीय सचिव रहे और सोनिया गांधी जी के राजनीतिक सलाहकार के रूप में उन्होंने अपनी भूमिका का वर्षों तक ईमानदारी से निर्वहन किया।
मेरे राजनीतिक जीवन में उनका सदैव विशेष महत्व व योगदान रहा है। मध्यप्रदेश को लेकर उनका सदा विशेष लगाव रहा है। मुझे केंद्र की राजनीति से मध्यप्रदेश में कांग्रेस की मज़बूती के लिए भेजने के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्णय में उनकी भी विशेष भूमिका, सहमति व विशेष आग्रह था। समय-समय पर मध्य प्रदेश के राजनीतिक मामलों को लेकर भी वो समय निकालकर मुझसे चर्चा करते रहते थे। जब भी प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते मैं दिल्ली यात्रा पर जाता था तो वो प्रदेश के विकास पर मुझसे ज़रूर बात करते थे और आवश्यक सलाह भी देते थे।
देश के हर हिस्से में उनको जानने वाले लोग थे। सभी से उनका जीवंत संपर्क था। उनके चुंबकीय व आकर्षक व्यक्तित्व से सभी प्रभावित रहते थे। सदैव मुस्कुराते थे, कभी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं करते थे, मित्रता निभाने में बेजोड़ थे।
आज मैंने अपना एक सच्चा मित्र व साथी खो दिया है। उनका निधन मेरे लिए बेहद व्यक्तिगत क्षति है। उनका निधन कांग्रेस परिवार के लिए भी एक ऐसी क्षति है, जो अपूर्णीय है। उनके निधन का दुखद समाचार मिलते ही मैं तुरंत उनके परिजनों व शुभचिंतकों के बीच दिल्ली पहुंच गया। कल मैं उनके पैतृक स्थान गुजरात के भरूच जिले में उनकी अंत्येष्टि में सम्मिलित होऊंगा। उनकी कमी मुझे सदैव खलेगी।
उनके दुखद निधन पर मैं उनके परिवार के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। परम पिता ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें और परिवार को यह भीषण दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।