नई दिल्ली । बीजेपी शासित राज्यों में लव जिहाद पर कानून लाने की तैयारी हो रही है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने इसको लेकर ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। वहीं उत्तराखंड, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा में इस पर कानून लाने को लेकर तैयारियां जोरों पर है। वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इस कानून के पूरी तरह से खिलाफ है। इतना ही नहीं बीजेपी की बिहार में सहयोगी दल जदयू भी इस कानून के पक्ष में नहीं है। जानें लव जिहाद कानून को लेकर जदयू, आप और कांग्रेस आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि लव जिहाद पर कानून प्रदेश सरकार का नया शिगूफा है। यह ज्वलंत मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है। जनता को इससे सावधान हो जाना चाहिए और अपने मुद्दों पर सरकार से सवाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूपी बेटियों के लिए कब्रगाह बन गया है। हर दिन बेटियां हैवानों का शिकार हो रही हैं। अपराधी अपराध करके खुलेआम घूम रहे हैं और उनके भय से बेटियां आत्महत्या करने को मजबूर हो रही हैं। इन घटनाओं के बावजूद सरकार को बेटियों व महिलाओं की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है। वह मिशन शक्ति के नाम पर यूपी से लेकर दिल्ली तक केवल बड़े-बड़े होर्डिंग लगवा रही है। केंद्रीय मंत्री सह भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने शनिवार को लव-जिहाद पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि हिंदू की लड़कियों को लव-जिहाद में फंसाकर हमारे धर्म पर चोट किया जा रहा है। अब लव-जिहाद पर कानून बनाने की जरूरत है। हालांकि उनके इस बयान से बिहार में एनडीए का घटक दल जदयू असहज हो गया है। कहा है कि किसी एक व्यक्ति के बयान को तवज्जो नहीं देना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी भाजपा शासित प्रदेशों की तरह महाराष्ट्र में कथित लव जिहाद को लेकर जैसे कानून बनाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जो सरकारें अपनी अक्षमताओं को छिपाना चाहती हैं, वे ऐसे कानूनों को ला रही हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अपना काम कुशलता से कर रही है, और उसे अन्य राज्यों की तरह कानून लाने की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश में भाजपा सरकारों ने कहा है कि वे ऐसी शादियों पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रही हैं, जहां हिंदू महिलाओं का उत्पीड़न प्रेम और विवाह के नाम पर जबरन धर्म परिवर्तन का सामना करना पड़ रहा है।