नई दिल्ली । पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को लेकर पूरी दुनिया के सामने इसका रोना रोना रहता है लेकिन अब उसे इस्लामिक देशों की तरफ से आईना दिखाया जा रहा है। एक तरफ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान के रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं तो दूसरी तरफ इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) पर भी उसकी पकड़ ढीली होती जा रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण अफ्रीकी देश नाइजर में गुरुवार से शुरू होने वाली ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक का एजेंडा है। ओआईसी ने जो एजेंडा जारी किया है उसमें कश्मीर का जिक्र तक नहीं है। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भारी दल-बदल के साथ पहुंच रहे हैं।
बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जो प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई, उसमें कहा गया है कि ओआईसी के तहत विदेश मंत्रियों की काउंसिल की बैठक में इस्लामोफोबिया, फलस्तीन, जम्मू व कश्मीर विवाद, गैर इस्लामिक देशों में मुस्लिमों की स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। जबकि ओआईसी सचिवालय ने आगामी बैठक का जो एजेंडा जारी किया है उसमें कश्मीर का कोई जिक्र नहीं है। जबकि फलस्तीन, हिंसा के खिलाफ संघर्ष, अतिवाद व आतंकवाद समेत उन मुद्दों को शामिल किया गया है जिसका जिक्र पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में किया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर अभी ओआईसी के दो महत्वपूर्ण देशों बहरीन और यूएई की यात्रा पर हैं।
यह पहला मौका नहीं है जब ओआईसी में पाकिस्तान को कश्मीर पर मुंह की खानी पड़ी है। मार्च, 2019 में पाकिस्तान के बेहद कड़े एतराज के बावजूद पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अबुधाबी में आयोजित ओआइसी के विदेश मंत्रियों की बैठक में बतौर मेहमान शामिल हुई थीं। इसे भारतीय कूटनीति की एक बड़ी जीत माना जाता है क्योंकि अभी तक पाकिस्तान के बेहद कड़े एतराज की वजह से ओआईसी में भारत को बुलाया नहीं जाता था। साथ ही ओआइसी की तरफ से कश्मीर पर कई बार बेहद कड़े बयान भी जारी किए जाते रहे।
भारत सरकार ने पिछले चार-पांच वर्षो में ओआईसी के कई महत्वपूर्ण सदस्यों जैसे सऊदी अरब, यूएई, बहरीन, ओमान के साथ अपने रिश्तों को बहुत मजबूत कर लिया है। एक वजह यह भी है कि पाकिस्तान तुर्की और मलेशिया के साथ मिलकर इस्लामिक देशों का अलग संगठन बनाने की कोशिश कर रहा है। यह बात सऊदी अरब और कुछ अन्य देशों को रास नहीं आ रही है। हाल ही में यूएई ने पाकिस्तान, ईरान और इराक समेत 13 देशों के नागरिकों को वीजा देने पर रोक लगाने का एलान किया है। इनमें अफगानिस्तान, तुर्की, सीरिया, सोमालिया, लीबिया, यमन, अल्जीरिया, केन्या, लेबनान और ट्यूनीशिया भी शामिल हैं। सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच कई मुद्दों पर तनाव बढ़ता जा रहा है।