हिंद महासागर में भारत की बल्ले-बल्ले, ओमान में मिला बड़ा बंदरगाह, चीन-पाकिस्तान की खैर नहीं!
Updated on
08-02-2024 01:56 PM
मस्कट: भारत को ओमान में एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह तक सीधी पहुंच मिली है। इससे फारस की खाड़ी से होने वाले व्यापार में बहुत सहूलियत मिलने की उम्मीद है। भारत को डुक्म बंदरगाह की कमान ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक की नई दिल्ली यात्रा के दो महीने से भी कम समय के अंदर सौंपी गई है। डुक्म बंदरगाह रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। इससे पश्चिमी और दक्षिणी हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका को बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह कदम लाल सागर और पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में चल रहे संकट के बीच भारतीय नौसेना की भूमिका को भी बढ़ा सकता है।
डुक्म बंदरगाह इतना महत्वपूर्ण क्यों
डुक्म बंदरगाह मुंबई से पश्चिम की ओर एक सीध में स्थित है। ऐसे में भारत ओमान के डुक्म बंदरगाह के जरिए अपने माल को आसानी से जमीनी रास्ते से सऊदी अरब और उससे भी आगे पहुंचा सकता है। इससे अदन की खाड़ी और लाल सागर से सटे इलाकों में हूती विद्रोहियों के हमलों से भी निपटा जा सकेगा। इस क्षेत्र में हाल की हिंसा के कारण समुद्री व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऐसे में भारत सऊदी अरब के रास्ते सड़क मार्ग से अपने व्यापार को जारी रख सकता है।
मस्कट: भारत को ओमान में एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह तक सीधी पहुंच मिली है। इससे फारस की खाड़ी से होने वाले व्यापार में बहुत सहूलियत मिलने की उम्मीद है। भारत को डुक्म बंदरगाह की कमान ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक की नई दिल्ली यात्रा के दो महीने से भी कम समय के अंदर सौंपी गई है। डुक्म बंदरगाह रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। इससे पश्चिमी और दक्षिणी हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका को बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह कदम लाल सागर और पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में चल रहे संकट के बीच भारतीय नौसेना की भूमिका को भी बढ़ा सकता है।
डुक्म बंदरगाह इतना महत्वपूर्ण क्यों
डुक्म बंदरगाह मुंबई से पश्चिम की ओर एक सीध में स्थित है। ऐसे में भारत ओमान के डुक्म बंदरगाह के जरिए अपने माल को आसानी से जमीनी रास्ते से सऊदी अरब और उससे भी आगे पहुंचा सकता है। इससे अदन की खाड़ी और लाल सागर से सटे इलाकों में हूती विद्रोहियों के हमलों से भी निपटा जा सकेगा। इस क्षेत्र में हाल की हिंसा के कारण समुद्री व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऐसे में भारत सऊदी अरब के रास्ते सड़क मार्ग से अपने व्यापार को जारी रख सकता है।
डुक्म के स्पेशल इकनॉमिक जोन में इंटीग्रेटेड जहाज मरम्मत यार्ड और ड्राई डॉक सुविधा भी उपलब्ध है। ऐसे में जहाजों को रिपेयर करने के काम को भी आसानी से अंजाम दिया जा सकता है। यह बंदरगाह ओमान की राजधानी मस्कट से 550 किमी दक्षिण में स्थित है। डुक्म से सड़क मार्ग के जरिए आसानी से सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात पहुंचा जा सकता है।
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