नई दिल्ली। भारत ने तय किया है कि औपचारिक रूप से पाकिस्तान से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर पुलवामा में हुए हमले में शामिल आतंकवादियों का विवरण साझा करने के लिए कहा जाएगा। इस मामले से जुड़े व्यक्ति ने इसकी जानकारी दी है। इस हमले में 40 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इस घटना ने दोनों देशों को युद्ध के कगार पर ला दिया। एक औपचारिक न्यायिक अनुरोध या लेटर रोगेटरी , राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा तैयार किया है। इसके जरिए 7 आतंकवादियों के बारे में जानकारी मांगी जा रही है। इनमें से चार पाकिस्तान में स्थित है। उनमें मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर, इब्राहिम अतहर, और उसके चचेरे भाई अम्मार अल्वी शामिल है। हमले को अंजाम देने के लिए भारत आए 3 पाकिस्तानी, अतहर का बेटा उमर फारूक, कामरान (दोनों पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए) और इस्माइल उर्फ सैफुल्ला, जिसे माना जाता है कि वह कश्मीर में छिपा हुआ है। नाम नहीं छापने की शर्त पर संबंधित व्यक्ति ने यह जानकारी दी है।
गृह मंत्रालय जैसे ही इसे अंतिम रूप दे देता है, जो कि इस महीने के अंत तक संभावित है, कोर्ट से पाकिस्तान को न्यायिक अनुरोध भेजने की अनुमति मांगी जाएगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "यह पुलवामा हमले में पाकिस्तान को भेजा जाने वाले पहला ऐसा न्यायिक अनुरोध है, जो कि पड़ोसी देश से जांच में सहयोग मांग रहा है। अजहर, असगर, अतहर और अल्वी के ठिकाने के अलावा, भारत उनके और अन्य लोगों के बीच व्हाट्सएप चैट, वॉयस नोट और वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) कॉल और पाकिस्तान से किए गए कॉल की जानकारी सहित अन्य विवरणों की तलाश कर रहा है। उमर फारूक के फोन से बरामद तस्वीरों और वीडियो में पुलवामा हमले की तैयारी के विभिन्न चरणों को दिखाया गया है।