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भारत ने मिस्र में यूं ही नहीं भेजे हैं मिग-29 फाइटर जेट, तेजस से लेकर ब्रह्मोस तक की महाडील पर नजर, समझें

Updated on 29-08-2023 02:02 PM
काहिरा: मिस्र की राजधानी काहिरा में पहली बार भारत की सेनाएं मौजूद हैं। रविवार से शुरू हुए युद्धाभ्‍यास में भारतीय सेना और वायुसेना बड़ी भूमिका में हैं। भारत ने मिस्र के साथ एक छोटे अंतराल के बाद सामरिक संबंधों को बढ़ावा देने की कोशिश में सेनाओं का वहां भेजा है। काहिरा के मोहम्मद नगुइब सैन्य अड्डे पर 27 अगस्त से 16 सितंबर तक होने वाले ऑपरेशन ब्राइट स्टार-23 के लिए सेना और वायु सेना की एक टुकड़ी भेजी गई। अमेरिका, सऊदी अरब, ग्रीस और कतर के सशस्त्र बल भी इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं।

मिस्र बनेगा बड़ा बाजार!
ऑपरेशन ब्राइट स्टार हर दो साल होने वाला युद्धाभ्‍यास है लेकिन यह पहली बार है जब भारत ने वायु सेना की एक टुकड़ी भेजी है। इस युद्धाभ्‍यास में पांच मिग-29, दो आईएल-78, दो सी-130 और दो सी-17 विमान शामिल हैं। भारतीय वायु सेना के गरुड़ विशेष बलों के साथ-साथ 28, 77, 78 और 81 स्क्वाड्रनों के कर्मी भी इस अभ्यास में हिस्‍सा ले रहे हैं। भारत के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारतीय वायु सेना के परिवहन विमान लगभग 150 भारतीय सेना के कर्मियों को भी हवाई अड्डे तक ले जाएंगे।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि कहना है कि यूं तो यह एक युद्धाभ्‍यास है लेकिन इससे भारत और मिस्र के बीच रणनीतिक संबंध भी मजबूत होंगे। यह अभ्‍यास ऐसे समय में हो रहा है जब भारत, मिस्र को संभावित रक्षा बाजार के रूप में देख रहा है। मिस्र चाहता है कि भारत उसे अफ्रीका और अरब जगत के साथ अपने संबंधों को संतुलित करने के लिए एशिया में अपना भागीदार मानें।

जून में पीएम मोदी गए थे मिस्र
इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली मिस्र यात्रा पर गए थे। उसी समय दोनों देशों के बीच तेजस फाइटर जेट पर बातचीत हुई थी। भारत की तरफ से 70 जेट्स मिस्र को ऑफर किए गए थे। एबीपी न्‍यूज ने रक्षा विशेषज्ञों के हवाले से लिखा रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया है कि भारत, मिस्र को कम से कम 20 तेजस MK-1A जेट बेचने के लिए बातचीत कर रहा है। इस डील के तहत मिस्र में तेजस के रखरखाव से लेकर उनकी मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सुविधा स्थापित करना भी शामिल है। मिस्र ने ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली हासिल करने में रुचि दिखाई है, क्योंकि देश अपनी हथियारों की विविधता की योजना बना रहा है।

मिस्र के राष्‍ट्रपति आए थे भारत
रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो भारत और मिस्र के बीच असाधारण संबंध रहे हैं। सन् 1960 के दशक में दोनों देशों ने एयरो-इंजन और एयरक्राफ्ट को तैयार करने में साथ मिलकर काम किया था। मिस्र के राष्‍ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी इस साल जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए भारत आए थे। वह देश के पहले प्रधानमंत्री बने जो इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। मिस्र भी प्रमुख आतंकवाद-रोधी केंद्र के रूप में उभरा है और इस क्षेत्र में अमेरिका के साथ मिलकर काम करता है। यह सितंबर 2014 में स्थापित अमेरिकी नेतृत्व वाले वैश्विक गठबंधन को ISIS को हराने के लिए एक सदस्य है।


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