नई दिल्ली । कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने 8 दिसंबर को पूरे भारत में बंद का आह्वान किया है। इन कानूनों को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार के साथ हुई बातचीत पर शुक्रवार को एक बार फिर एक बार फिर किसान संगठनों ने आपस में चर्चा की। बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्च की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने बताया वे तीनों कानून को रद्द करे बिना नहीं मानेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार कुछ संशोधन करने को तैयार है लेकिन हमने सरकार से साफ कहा है कि सरकार तीनों कानून वापस ले। सिंघु बॉर्डर पर हुई बैठक बाद किसान नेता हरिंदर पाल लखोवाल ने कहा, हमने कल सरकार से कल बात की है। हमने साफ़ कहा है कि तीनों कानून वापस ले। "
उन्होंने कहा कि सरकार बिजली कानून और पराली जलाने को लेकर जुर्माना पर मानती दिख रही है। लेकिन हम सभी किसानों को बोलते हैं कि वो यहां आएं, लड़ाई आर पार की है हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।
इसके अलावा आज किसान नेताओं ने कहा कि हम 8 दिसंबर को पूरे देश के टोल प्लाजा फ्री करेंगे और जो दिल्ली के बाकी रास्ते हैं उन्हें भी बंद करेंगे। किसानों कहा है कि वो 5 दिसंबर को पीएम मोदी के पुलते जलाएंगे।
किसान नेता अक्षय कंवर ने बताया, "आज की बैठक में तीन निर्णय हुए, पहला ये कि कल जब सरकार से बात होगी तो साफ कर दिया जाएगा कि तीनों कानूनों को वापस लिए जाने के अलावा कोई बातचीत नहीं होगी। दूसरा ये कि शनिवार को देशभर में किसान संगठन पीएम मोदी के पुतले फूकेंगे। और तीसरा ये कि 8 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा। टोल प्लाजा को रोका जाएगा।"
ज्ञात रहे कि पिछले नौ दिनों से लाखों की संख्या में पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली की अलग-अलग राज्यों से लगने वाली सीमाओं पर डटे हुए हैं। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो नाम से शुरू किया गया आंदोलन अब देशव्यापी आंदोलन बन चुका है। यहां जमा किसानों और प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, और बढ़ रहा है उनको मिल रहा समर्थन भी।