अमेरिका में बोइंग के 737 मैक्स 9 विमान का हवा में दरवाजा खुलने के बाद भारत में भी बोइंग 737 मॉडल के सभी विमानों की जांच के आदेश दिए गए थे। इस पर DGCA ने बताया कि भारत में मौजूद 40 बोइंग 737 मैक्स विमानों में से एक में वॉशर गायब था।
DGCA ने कहा- ये विमान एअर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और अकासा एयर के पास हैं। 39 विमानों में कोई कमी नहीं मिली, लेकिन एक बोइंग 737 मैक्स में वॉशर गायब था। इसके बाद बोइंग की गाइडलाइंस के मुताबिक, जरूरी कदम उठाए गए हैं।
इससे पहले यूनाइटेड एयरलाइंस ने सोमवार को बताया था कि उन्हें अपने बेड़े में कई बोइंग 737 विमानों के पैनल में ढीले बोल्ट मिले हैं। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक अब तक 10 विमानों के बोल्ट ढीले मिल चुके हैं। इससे फिर से आसमान में विमान का दरवाजा खुलने जैसी घटना हो सकती थी। यूनाइटेड एयरलाइंस के विमान में जो ढीले बोल्ट मिले हैं उन्हें प्लग्स कहा जाता है।
ये इमरजेंसी दरवाजे के नजदीक वाली कुर्सियों के पास लगते हैं। दरअसल, यूनाइटेड एयरलाइंस ने अलास्का एयरलाइंस की घटना के बाद अपने बोइंग 737 मैक्स 9 के विमान की सीट और साइड वॉल खोलकर पूरा निरीक्षण किया था।
अलास्का एयरलाइन को केबिन प्रेशर को लेकर भी दी थी चेतावनी
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक पिछले हफ्ते जिस अलास्का एयरलाइन का हवा में दरवाजा खुला था उसमें तीन हफ्तों से केबिन प्रेशर की समस्या को लेकर चेतावनी दी जा रही थी। अभी इसकी जांच की जा रही है कि कहीं, इसी वजह से तो प्लेन का इमरजेंसी एग्जिट डोर नहीं टूटा था। दरअसल, कॉमर्शियल प्लेन 33 हजार से 42 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैं।
आसमान में 33 हजार फीट से ऊपर हवा बेहद ठंडी और पतली होती है। यानी हवा के कण बेहद छोटे होते हैं। यही वजह है कि प्लेन में प्रेशर केबिन होता है। इससे ज्यादा ऊंचाई पर ऑक्सीजन लेवल कम होने के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी नहीं होती।
वो दो हादसे जब बोइंग के विमान बने मौत के दूत..
पहला हादसा: साल- 2018, तारीख- 29 अक्टूबर, देश- इंडोनेशिया
सुबह 6 बजकर 21 मिनट पर बोइंग- 737 के मैक्स 8 विमान ने इंडोनेशिया के सोएकरानो-हट्टा हवाई अड्डे से उड़ान भरी। इसे 7 बजकर 20 मिनट पर इंडोनेशिया के ही एक छोटे से शहर पंगकाल पिनांग जाना था। पर ऐसा नहीं हुआ। टेक ऑफ के कुछ मिनट बाद ही विमान के क्रू ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क किया और वापस जकार्ता लौटने की परमिशन मांगी।
इस वक्त प्लेन 5 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था। इसके बाद प्लेन ने न तो इमरजेंसी अलर्ट जारी किया और न ही वापस लौटा। 6 बजकर 32 मिनट पर प्लेन से संपर्क टूट चुका था। प्लेन उड़ान भरने के 11 मिनट के भीतर ही तेजी से जावा समुद्र में जा गिरा। इस हादसे में 189 लोग मारे गए।
पांच महीने बाद हुआ दूसरा हादसा: साल-2019, तारीख- 10 मार्च देश- इथियोपिया
घड़ी में सुबह के 6 बजकर 38 मिनट हुए थे। इथियोपिया के अदीस अबाबा शहर में मौसम बिल्कुल साफ था। तभी बोले इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इथियोपिया एयरलाइन की फ्लाइट 302 केन्या की राजधानी नैरोबी के लिए उड़ान भरती है। टेक ऑफ करने के एक मिनट बाद कैप्टन के आदेश पर फर्स्ट ऑफिसर कंट्रोल टावर में फ्लाइट कंट्रोल प्रॉब्लम की जानकारी देता है।
उड़ान भरने के 2 मिनट बाद प्लेन अचानक हवा में आगे की तरफ झुक जाता है। प्लेन हवा में कभी ऊपर कभी नीचे की तरफ हिचकोले खाने लगता है। 3 मिनट के बाद पायलट फर्स्ट ऑफिसर को एयर ट्रैफिक कंट्रोल से वापस लौटने की परमिशन मांगने को कहता है।
इसके तुरंत बाद विमान से संपर्क टूट जाता है। विमान 700 मील प्रति घंटा की रफ्तार से नीचे गिरता है और क्रैश हो जाता है। इंडोनेशिया की तरह ही ये विमान भी बोइंग कंपनी की 737 सीरीज का मैक्स 8 जेट था। इसमें 149 पैसेंजर और 8 क्रू मेंबर सवार थे।
विमान कितनी तेजी से नीचे आया, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इससे जमीन पर 90 फीट चौड़ा और 120 फीट लंबा गड्ढा हो गया। मलबा जमीन के 30 फीट अंदर तक घुस गया और विमान में सवार सभी लोगों की मौत हो गई।
हादसों के बाद 40 से ज्यादा देशों ने बैन किया था
इंडोनेशिया और इथियोपिया में हुए हादसों के बाद भारत समेत 40 से ज्यादा देशों में बोइंग के 737 मैक्स विमानों को बैन कर दिया गया था। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आदेश दिया था कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और विमान की खामियां दूर नहीं हो जाती तब तक बोइंग के 737 मैक्स सीरीज के विमान उड़ान नहीं भरेंगे।
बोइंग को अमेरिका के एविएशन विभाग को 20 हजार करोड़ रुपए देने पड़े। इतना ही नहीं, हादसों से कंपनी को 20 बिलियन डॉलर यानी 16 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। कंपनी ने दिसंबर 2020 में CEO डेनिस मुइलेनबर्ग को बर्खास्त कर दिया।
18 महीने की जांच के बाद अमेरिका ने मैक्स विमानों की उड़ान पर लगी पाबंदियों को हटा दिया। 2 साल बाद बाकी देशों में बोइंग 737 मैक्स सीरीज के विमान फिर से उड़ान भरने लगे। इसके लिए कंपनी को MCAS सॉफ्टवेयर में बदलाव करने पड़े।