पाकिस्तान के लिए भारत की नकल करना पड़ा भारी, मुसीबत बना रूस का सस्ता तेल, खटाई में पड़ी डील
Updated on
11-07-2023 01:12 PM
कराची: भारत की नकल करके रूस से सस्ता तेल खरीदने का फैसला पाकिस्तान की सरकार के लिए मुसीबत बन गया है। आलम यह है कि सस्ता होने के बाद भी पाकिस्तान अपनी जनता को सस्ता तेल नहीं दे पा रहा है। दरअसल, पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में वर्तमान समय में मौजूद सभी रिफाइनरी पुरानी प्रोसिसिंग तकनीक पर काम करती हैं। इसकी वजह से ये पाकिस्तानी रिफाइनरी प्रोसिसिंग के दौरान डीजल और पेट्रोल की बजाय फर्नेस ऑयल ज्यादा निकाल रही हैं। पाकिस्तान में फर्नेस ऑयल की कोई डिमांड नहीं है और यह उसके लिए मुसीबत बन गया है।
पाकिस्तान के पास 5 तेल रिफाइनरी हैं जिसमें से एक की स्थापना आजादी के पहले हुई थी। वहीं दो तेल रिफाइनरी की स्थापना 60 साल पहले हुई थी। वहीं दो अन्य तेल रिफाइनरी में से एक में पुरानी तकनीक है और दूसरी रिफाइनरी जिसमें सरकार की 60 फीसदी हिस्सेदारी है, वहां कई दशकों से नया निवेश नहीं हुआ है। पाकिस्तान ने पिछले महीने रूस से सस्ता तेल खरीदा था। इस सस्ते तेल के बाद भी वह इसका फायदा पाकिस्तानी जनता को जनता को नहीं दे पाया है।
कंगाल पाकिस्तान को खर्च करने होंगे अरबों डॉलर
जियो न्यूज के मुताबिक पाकिस्तान रिफाइनरी लिमिटेड जो तेल साफ करती है, उसमें फर्नेस तेल ज्यादा निकलता है और पेट्रोल तथा डीजल कम रहता है। रिपोर्ट में इस सेक्टर से जुड़े लोगों के हवाले से कहा गया है कि अगर सरकारी कंपनी ऐसा करेगी तो दूसरी रिफानरी भी रूसी तेल के साथ वही करेंगी क्योंकि उनके पास भी पुरानी तकनीक है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तानी रूसी तेल का फायदा उठाना चाहता है तो उसे अपने रिफाइनिंग सेक्टर को अपग्रेड करना होगा और इसके लिए उसे रिफाइनिंग पॉलिसी को स्वीकृति देनी होगी।
कंगाल पाकिस्तान को इसके लिए 4 से 5 अरब डॉलर का निवेश हासिल करना होगा और सभी वर्तमान रिफाइनरियों को अपग्रेड करना होगा। पाकिस्तान इस समय भयंकर महंगाई से जूझ रहा है। पेट्रोल और डीजल के दाम रेकॉर्ड स्तर पर चल रहे हैं। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में भारी गिरावट आई है जिससे तेल और भी महंगा होता जा रहा है। पाकिस्तान ने रूस से सस्ते तेल के लिए चीनी मुद्रा युआन में रूस को भुगतान किया है लेकिन इसके लिए भी उसे डॉलर खर्च करना पड़ा है।
रूस के साथ पाकिस्तान का तेल समझौता खटाई में
पाकिस्तान को उम्मीद थी कि वह भी रूस से तेल लेकर भारत की तरह से लोगों को सस्ता तेल मुहैया करा पाएगा लेकिन अब उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। इस बीच एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान और रूस के बीच लंबे समय के लिए तेल समझौता होना अब संभव नहीं दिख रहा है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत में बाधा आ गई है। पाकिस्तान को रूस के साथ मिलकर एक तंत्र विकसित करना था ताकि रूसी तेल को मंगाया जा सके लेकिन अभी तक शहबाज सरकार ने इसे शुरू नहीं किया है। वह भी तब जब शहबाज सरकार के पास बहुत कम समय बचा है और देश में इस साल चुनाव होने हैं।
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