Select Date:

वैगनर के विद्रोह से यूक्रेन युद्ध पर कैसा असर, क्या पीछे हटेगी रूसी सेना? चौतरफा घिरे पुतिन

Updated on 24-06-2023 09:24 PM
मॉस्को: रूस के प्राइवेट मिलिशिया वैगनर ग्रुप ने विद्रोह कर दिया है। वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोझिन यूक्रेन से अपने 25000 लड़ाकों को लेकर रूस पहुंच चुके हैं। उनके लड़ाकों ने रोस्तोव में रूसी सेना के दक्षिणी हेडक्वॉटर पर कब्जे का दावा किया है। रोस्तोव में प्रिगोझिन ने रूस के उप विदेश मंत्री से भी मुलाकात की है। प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और सेना प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव को हटाने की मांग की है। उसने कहा है कि इन दोनों लोगों के कारण ही यूक्रेन में रूसी सेना को नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर वैगनर ग्रुप के विद्रोह को कुचलने का दबाव बढ़ गया है। उधर रूसी जांच एजेंसी एफएसबी ने प्रिगोझिन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह के लिए भड़काने का आरोप लगाते हुए देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया है। एफएसबी ने वैगनर लड़ाकों से प्रिगोझिन के आदेशों को न मानने और उसे हिरासत में लेने को कहा है।


वैगनर के विद्रोह का यूक्रेन युद्ध पर कैसा असर

वैगनर समूह पिछले साल फरवरी से ही रूसी सेना के साथ मिलकर यूक्रेन में सैन्य अभियान चला रहा है। इस समूह ने यूक्रेनी शहर बखमुत को जीतने में बड़ी भूमिक निभाई थी। वैगनर लड़ाकों ने यूक्रेनी सेना को बखमुत से पीछे ढकेल दिया था। इतना ही नहीं, दक्षिणी यूक्रेन में भी वैगनर के लड़ाकों ने यूक्रेनी सेना का जबरदस्त मुलाबला किया था। इसका असर यह हुआ कि रूसी सेना ने बहुत आराम से यूक्रेन को पीछे ढकेल दिया और एक बड़े भू-भाग पर कब्जा कर लिया। ऐसे में अब वैगनर लड़ाकों के पीछे हटने पर यूक्रेन में कई मोर्चों पर रूसी सेना की चिंताएं बढ़ गई हैं।


बखमुत पर फिर होगा यूक्रेन का कब्जा?

आशंका जताई जा रही है कि वैगनर लड़ाकों के पीछे हटने के बाद यूक्रेनी सेना जल्द ही बखमुत पर दोबारा कब्जा जमा सकती है। इस शहर के कुछ हिस्सों पर अब भी यूक्रेनी सेना का कब्जा है। वैगनर लड़ाके बखमुत शहर के बीचों-बीच अग्रिम मोर्चों पर तैनात थे। ऐसे में अब रूसी सेना को अपने जवानों को इन स्थानों पर तैनात करना पड़ रहा है। यूक्रेन में अलग-अलग मोर्चों पर युद्ध जारी रहने के कारण रूसी सेना के जवान बिखरे हुए हैं। ऐसे में उन्हें बखमुत में जल्द से जल्द तैनात नहीं किया गया तो यह महत्वपूर्ण शहर रूस के हाथ से निकल सकता है।

क्या पीछे हटेगी रूसी सेना

वैगनर ग्रुप के विद्रोह के बाद रूसी सेना की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। हालांकि, वैगनर ग्रुप के कुल लड़ाकों की संख्या 25000 के करीब बताई जा रही है। इसके बावजूद वो यूक्रेन में अग्रिम मोर्चों पर युद्ध लड़ रहे थे। ताजा हालात को देखते हुए रूसी सेना के पीछे हटने की गुंजाइश नहीं है। इसके बावजूद आशंका जताई जा रही है कि रूसी सेना को यूक्रेन के जबरदस्त काउंटर अटैक का सामना करना पड़ेगा।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 03 May 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का टैक्स फ्री संस्थान का दर्जा खत्म करने जा रहे हैं। ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा…
 03 May 2025
अमेरिका ने सऊदी अरब को 3.5 अरब डॉलर (करीब 29 हजार करोड़ रुपये) की एयर-टू-एयर मिसाइलें बेचने की मंजूरी दे दी है। इस सौदे के तहत सऊदी अरब को 1,000…
 03 May 2025
सिंगापुर में आज संसदीय चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला 1965 से सत्ता पर काबिज पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP) और प्रमुख विपक्षी दल वर्कर्स…
 03 May 2025
ऑस्ट्रेलिया में आज 2025 के फेडरल चुनाव के वोट डाले जा रहे हैं। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला वर्तमान प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की लेबर पार्टी और विपक्षी नेता पीटर डटन…
 01 May 2025
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में सरकार विरोधी प्रदर्शन कोई नई बात नहीं है लेकिन हालिया समय में सिंध प्रांत ने दुनिया का ध्यान खींचा है। सिंध में लगातार पाकिस्तान…
 01 May 2025
इस्लामाबाद: कश्मीर के पहलगाम में बीते महीने हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात हैं। पाकिस्तान की ओर से कहा जा रहा है कि…
 01 May 2025
वॉशिंगटन: खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पाकिस्तान के समर्थन का ऐलान किया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक में युद्ध की आशंका के बीच पन्नू ने एक नया बयान दिया है। SFJ…
 01 May 2025
इस्लामाबाद: पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ने परमाणु युद्ध की आशंका को जगा दिया है। भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं। नई दिल्ली की…
 01 May 2025
बीजिंग: भारत ने अपनी हवाई सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा है। भारत ने खासतौर से पाकिस्तान और चीन के खतरे को देखते…
Advertisement