'यूरोप का आखिरी तानाशाह' कैसे बना शांतिदूत, पुतिन की मदद कर बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको को क्या हुआ फायदा?
Updated on
28-06-2023 07:36 PM
मॉस्को: अलेक्जेंडर लुकाशेंको, बेलारूस के राष्ट्रपति और रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन के सबसे करीबी सहयोगी। लुकाशेंको ने मुसीबत के समय पुतिन की मदद करके न केवल उनका भरोसा जीत लिया है बल्कि दुनिया के कई नेताओं को चौंका दिया है। साल 2020 के बाद शायद अब वह पहला मौका है जब लुकाशेंको का जिक्र इतना ज्यादा हो रहा है। जिस समय वैगनर के सैनिक अपने नेता येवेगनी प्रिगोझिन की अगुवाई में रोस्तोव के बाद मॉस्का की तरफ बढ़ रहे थे, उस समय पुतिन का दिमाग काम करना बंद कर चुका था। इसी समय लुकाशेंको आए और उन्होंने सब कुछ ठीक कर दिया। जिस शख्स को यूरोप के आखिरी तानाशाह के तौर पर जाना जाता है, शनिवार शाम को वह रूस के लिए शांतिदूत बन गया। हालांकि हर कोई जानना चाहता है कि आखिर लुकाशेंको ने ऐसा क्यों किया और इसके पीछे उनका क्या मकसद था। पहली बार बने मध्यस्थ
बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको को शायद ही कभी मध्यस्थ की भूमिका में देखा गया था। मानवाधिकार समूहों की मानें तो लुकाशेंको ने अपने आलोचकों और विरोध प्रदर्शनों पर अक्सर ही जुल्म किए हैं। इसलिए जब शनिवार की रात लुकाशेंको ने मीडिया में आकर बताया कि रूस में वैगनर के विद्रोह को शांत करने में उन्होंने रोल अदा किया है तो हर कोई हैरान रह गया।
सबसे पहले, लुकाशेंको ने इशारा कर दिया कि पुतिन उनके सबसे बड़े राजनीतिक संरक्षक हैं। वैगनर ग्रुप के संस्थापक येवगेनी प्रिगोझिन पर किताब लिख रहे अमेरिकी लेखक जॉन लेचनर के हवाले से अल जजीरा ने लिखा है कि लुकाशेंको को बस यह बताना चाहते थे कि वह अभी तक रूस के लिए उपयोगी हैं। उन्हें पता था कि अगर प्रिगोझिन और उसके सैनिकों को बेलारूस में जगह मिलती है तो फिर उन्हें भी हजारों अनुभवी किराए के सैनिक मिलने वाले हैं।
बढ़ेगा राजनीतिक दबदबा जर्मनी की ब्रेमेन यूनिवर्सिटी के निकोले मित्रोखिन के मुताबिक अगर प्रिगोझिन बेलारूस में रहता है और वैगनर फिर से ऐसा कुछ करता है तो इससे लुकाशेंको का राजनीतिक दबदबा बढ़ जाएगा। उनके पास भी अपनी प्राइवेट आर्मी हो सकेगी। वर्स्टका न्यूज पोर्टल के मुताबिक बेलारूसी अधिकारियों ने मोगिलेव क्षेत्र के जंगलों में 8,000 वैगनर सैनिकों के लिए कैंप बनाने शुरू कर दिए हैं। यह जगह रूस की सीमा पर स्थित है। साथ ही बेलारूस की राजधानी मिन्स्क से यह सिर्फ 100 किमी दूर और यूक्रेन की सीमा से 200 किमी दूर है।
24 जून 2023 का दिन इतिहास में पुतिन की सत्ता का सबसे खराब दिन साबित हुआ है। प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्रालय पर यूक्रेन में वैगनर शिविरों पर हमला करने, उसके सैनिकों को कॉन्ट्रैक्ट साइन करने और नियमित रूसी सेना का हिस्सा बनने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया। उसका कहना था कि अपनी मांगों को मनवाने के लिए रूस ने उसके 30 लड़ाकों को मार दिया है।
पुतिन के लिए आई गुड न्यूज
वैगनर ग्रुप ने यूक्रेन से रूस तक मार्च किया और दक्षिणी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन पर कब्जा कर लिया। प्रिगोझिन ने इसके बाद अपने लड़कों मास्को की ओर बढ़ने का आदेश दिया। पुतिन ने उन्हें 'देशद्रोही' करार दिया। कहा गया कि पुतिन मॉस्को छोड़कर चले गए हैं। देश में तबाही मची हुई थी और वैगनर मॉस्को से करीब 200 किमी था। फिर अचानक लुकाशेंको की तरफ से बताया गया कि उन्होंने स्थिति को सुलझा लिया है। लुकाशेंको के मुताबिक जो समझौता हुआ उसके तहत पुतिन ने प्रिगोझिन और उनके लोगों के खिलाफ विद्रोह के आरोप हटा दिए। वैगनर के सैनिक पीछे हट गए और प्रिगोझिन बेलारूस जाने के लिए तैयार हो गए।
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